मनोज सिंह शुमाली, ब्यूरो : उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का पहला चरण बीत चुका है और दूसरे चरण में मात्र चंद घंटे बाकी हैं। किसान एक ऐसा वर्ग है जो हर दल की जरूरत बना हुआ है। देश का अन्नदाता है। बड़ा वोट बैंक है, लेकिन यूपी के बुंदेलखंड के बांदा जिले से विधानसभा चुनाव के बीच एक गरीब कर्जदार किसान से जुड़ी बेहद दर्दनाक, ह्रदयविदारक और मानवीय संवेदनाओं को हिला देने वाली खबर सामने आ रही है।
कर्ज को लेकर मैनेजर ने किसान को दीं गालियां, अपमानित किया
खबर है कि एक कर्जदार किसान ने बैंक मैनेजर की अभद्रता, गालीगलौज से आहत होकर सुसाइड कर ली। किसान बैंक से पैसे निकालने गया था। खाते में साढ़े 3 हजार रुपए थे। किसान की सुसाइड से एक बार फिर बुंदेलखंड में कर्जदार किसानों के सुसाइड की घटनाओं को तूल मिल रहा है। यह मुद्दा फिर से गरम हो सकता है।
मैनेजर ने यह कहते हुए गालियां दीं, कि पहले 1 लाख रुपए केवाईसी कर्ज के वापस जमा करो, बाद में तुम्हारा पैसा निकालेंगे। जबकि साढ़े 3 हजार रुपए किसान के खाते में उस वक्त मौजूद थे। अब इसे क्या कहेंगे। किसान ने मरने से पहले एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है। इस सुसाइड नोट में किसान ने अपनी पूरी आपबीती, अपना दर्द लिखा है।
कर्जा चुकाने का दवाब बना रहा था आरोपी बैंक मैनेजर
साथ ही पुलिस से बैंक मैनेजर के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की है। मामला जिले के गिरवां थाना क्षेत्र का है। वहां के बहेरी गांव के रहने वाले बिंदू प्रसाद राजपूत (60) पुत्र चम्भा प्रसाद ने गुरुवार की रात नहर पटरी किनारे लगे बबूल के पेड़ के सहारे रस्सी से फांसी लगा ली।
देर तक घर नहीं लौटे तो परिजनों ने तलाश शुरू की। शुक्रवार सुबह खेत पहुंचे भतीजे रामबाबू ने देखा तो परिजनों को इस अनहोनी की जानकारी हुई।
भतीजे ने बताया किसान क्रेडिट कार्ड से लिया था 1 लाख कर्ज
भतीजे का कहना है कि बिंदू किसानी करके अपने पोते-पोतियों का भरण पोषण करते थे। उनका बेटा घर से कहीं चला गया था। फिर उसका कुछ पता नहीं था। ऐसे में बच्चों की जिम्मेदारी बिंदू पर ही थी।
बिंदू ने बैंक से एक लाख रुपए किसान क्रेडिट कार्ड का लोन लिया था। इसकी भरपाई वह नहीं कर पाए थे। अपने सुसाइड नोट में खुद बिंदू ने भी अपने साथ हुए एक-एक घटनाक्रम का जिक्र किया है।
सुसाइड नोट में लिखी यह बात, अभी दर्ज नहीं हुई है FIR..
उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा है कि वह अपने खाते में पड़े 3500 रुपए बुधवार को बैंक से निकालने गए थे। बैंक के क्लर्क ने पासबुक देखते ही मैनेजर के पास भेज दिया। बैंक मैनेजर ने उनसे कर्ज भरने के लिए कहा। कहा कि जब तक तुम कर्ज नहीं भरोगे, तब तक तुम्हें रुपए नहीं देंगे। उन्होंने मैनेजर को समझाने का प्रयास किया कि वह बीमार हैं। बच्चे भी परेशान हैं। पैसे की सख्त जरूरत है, लेकिन मैनेजर ने गालियां देते हुए अभद्रता करके बैंक से भगा दिया।
मरने से पहले की मैनेजर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग
उधर, मरने से पहले सुसाइड नोट में गरीब किसान ने गिरवां थानाध्यक्ष से आरोपी बैंक मैनेजर के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की है। सुसाइड नोट की प्रतिलिपि डीएम और मुख्यमंत्री को भी की है।
बुंदेलखंड किसान यूनियन ने दी आंदोलन की चेतावनी
उधर, बुंदेलखंड किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल शर्मा ने कहा है कि किसान परिवार के साथ उनकी पूरी संवेदनाएं हैं। वह हर हाल में किसान को अपमानित करने वाले, गालियां देने वाले बैंक मैनेजर के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हैं। अगर प्रशासन या पुलिस ने इसमें किसान को न्याय दिलाने का काम नहीं किया तो बुकियू चुप नहीं बैठेगा।
प्रगतिशील किसान प्रेम सिंह ने कही यह बात
हम बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि वह अभी झांसी में हैं। इस मुद्दे को किसान नेताओं के बीच रखेंगे। इसी तरह बांदा के प्रगतिशील किसान प्रेम सिंह ने कहा कि यह घटना बेहद दर्दनाक है। किसानों की आत्महत्याएं अभी बंद नहीं हुई हैं। व्यापारी और बेरोजगार भी इसी कड़ी में शामिल होने को हैं। यह टोटल सरकार की पालिसी फेल्योअर का मामला है।
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थानाध्यक्ष ने कहा, तहरीर नहीं भी मिली तो पुलिस करेगी कार्रवाई
थानाध्यक्ष मनोज कुमार शुक्ला का कहना है कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। हालांकि, परिजनों ने अबतक कोई तहरीर नहीं दी है। अगर परिजन तहरीर नहीं भी देंगे तो पुलिस अपनी तरफ से जांच कर दोषी के खिलाफ कार्रवाई करेगी। क्यों कि इस मामले में मृतक का सुसाइड नोट बड़ा सबूत है।