समरनीति न्यूज, बांदाः कोरोना से बचाव के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार के कड़े फैसलों की देशभर में प्रशंसा हो रही है। मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव पास हुआ कि प्रदेश के सभी स्कूल-कालेज 2 अप्रैल तक बंद कर दिए गए हैं। इतना ही नहीं विश्वविद्यालय तक की परीक्षाएं रद्द हो गई हैं। ऐसे में बांदा में स्थित एक प्राइवेट स्कूल संतु तुलसी स्कूल में इस वक्त बुधवार को परीक्षाएं चल रही हैं।
सरकार की सख्ती के बावजूद खोला स्कूल
जानकारों की माने तो सोमवार को भी स्कूल खोलकर परीक्षाएं ली गईं। इस संबंध में स्कूल प्रबंधक का अपना अलग ही तर्क सामने आया। इस स्कूल के प्रबंधन के बारे में कहा जाता है कि पहले भी शासन के आदेशों की अनदेखी करता रहा है। अधिकारियों को अपनी पहुंच बताकर धौंस भी दिखाई जाती है।
कक्षा 1 से 8 तक की परीक्षाएं ली गईं
बुंदेलखंड के बांदा मंडल मुख्यालय पर शहर के इंदिरा नगर में स्थित संत तुलसी पब्लिक स्कूल में सुबह की पाली में 7 बजे से लेकर 10 तक, कक्षा 1 से 8 तक की परीक्षाएं ली जा रही हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि दो दिन पहले बीते सोमवार को भी इस स्कूल ने छोटे केजी-यूकेजी के बच्चों की परीक्षाएं लीं गई थीं। जानकारों का कहना है कि स्कूल अक्सर शासनादेश का उल्लंघन करता है। वहीं स्कूल के प्रबंधक संत कुमार गुप्ता से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि जरूरी था इसलिए स्कूल खोलकर परीक्षा ली जा रही है।
ऐसा रहा प्रबंधक का जवाब
उनसे जब कहा गया कि सरकार ने कैबिनेट में फैसला लिया है कि स्कूल-कालेज बंद रहेंग और 2 अप्रैल तक परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं। इसपर प्रबंधक श्री गुप्ता का कहना था कि सीबीएसई पर यह लागू नहीं होता है। आज के पेपर में यह साफ लिखा है।
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साथ ही यह भी कहा कि इंडिया में कहीं कोरोना नहीं है, हउवा ज्यादा बना है। मांस-मच्छी खाने वाले देशों में कोरोना ज्यादा हावी है। हालांकि, बाद में यह भी कहा कि सरकार के निर्देशों का पालन किया जाएगा। आज जरूरी था इसलिए स्कूल खोला गया। आज आखिरी पेपर है। बहरहाल, स्कूल प्रबंधक की बातचीत और स्कूल खोलने के फैसले से बिल्कुल नहीं लगा कि वह सरकार के फैसले के प्रति या कोरोना जैसी महामारी के प्रति गंभीर हैं।
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