समरनीति न्यूज, ब्यूरो : जिले में ओवरलोडिंग के लिए बदनाम पथरी खदान पर एक कर्मचारी की संदिग्ध हालात में मौत के प्रकरण में हत्या का मुकदमा दर्ज हो चुका है। अब स्थिति बड़ी अजीबो-गरीब है। मामला हाई प्रोफाइल लोगों से जुड़ा होने के कारण पुलिस भी एक कदम आगे तो दो कदम पीछे वाली स्थिति में खड़ी नजर आ रही है। हालांकि, पुलिस सूत्रों का कहना है कि मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ चुकी है, जिसमें मौत का कारण हार्ट अटैक है। शरीर पर चोट के निशान भी नहीं हैं। मौत का कारण साफ है, इसलिए बिसरा भी सुरक्षित करने की जरूरत नहीं हुई।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में Shock है मौत का कारण
हालांकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि मौत का कारण Shock है। अब इसे सदमा भी कह सकते हैं और डर व दहशत भी। बहरहाल, अब मामला किस करवट बैठेगा यह जांच के बाद ही तय होगा।
वहीं दूसरी ओर मृतक के परिजनों का कहना है कि मरने वाले को पहले कभी कोई कभी हार्ट अटैक नहीं पड़ा। न ही उसे कोई दिल की बीमारी थी। हालांकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी स्पष्टतः हार्ट अटैक की बात डाक्टर ने नहीं लिखी है।
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जानकार बताते हैं कि अब बहुत कुछ विवेचनाधिकारी यानी विवेचक (IO) के बुद्धि-विवेक और निष्पक्षता पर तय करता है कि वह केस को किस और लेकर जाता है। पीड़ित परिवार के बयान और जांच के बाकी बिंदु भी अहम हो सकते हैं। बहरहाल, पूरा घटनाक्रम बड़े लोगों से जुड़ा होने के कारण पूरे जिले में खास चर्चा में है।
कुछ ऐसा बोले विवेचक
मामले के विवेचक एवं देहात कोतवाली प्रभारी रुकुम पाल सिंह से बात करने का प्रयास किया गया। उनके सीयूजी नंबर पर बात की। पहले तो वह बात करने से बचते से नजर आए। बाद में सबकुछ अधिकारियों के ऊपर डाल दिया।
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कहा कि 2-3 दिन पहले एक अधिकारी ने बाइट दी है। इससे ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता है। हालांकि, अधिकारियों ने बाइट देने से इंकार किया।
क्षेत्रीय विधायक ने कही यह बात
बता दें कि इस मामले में कांग्रेस के पूर्व तिंदवारी विधायक, उनके भतीजे, भांजे व खदान संचालक देवेंद्र सिंह निवासी लखनऊ के खिलाफ मुकदमा दर्ज है। उधर, मामले में तिंदवारी के क्षेत्रीय विधायक ब्रजेश प्रजापति का कहना है कि पीड़िता को न्याय मिलना चाहिए। मामले में पुलिस को चाहिेए कि निष्पक्ष जांच की जाए। अगर आरोप सही हैं तो दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।