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..तो बांदा में इस वजह से डीएम आवास के सामने से भी बेरोक-टोक गुजरते हैं ओवरलोड बालू लदे ट्रैक्टर

डीएम आवास के सामने से गुजरता ओवरलोड बालू लदा ट्रैक्टर।

समरनीति न्यूज, बांदाः अभी कुछ घंटे पहले ही जिले के डीएम हीरालाल और पुलिस अधीक्षक गणेश साहा ने छापेमारी करके रात के अंधेरे में 100 से ज्यादा ओवरलोड ट्रकों को पकड़ा। इनसे बड़ी कीमत राजस्व की वसूली गई। इसके बावजूद शहर में ओवरलोडिंग को लेकर बालू कारोबारियों और इससे जुड़े लोगों में कानून का कोई डर नहीं है। शहर में बालू लदे ओवरलोड ट्रैक्टर खुलेआम काल बनकर दौड़ रहे हैं। बालू पहुंचाने की जल्द में इनकी रफ्तार इतनी ज्यादा होती है कि अगर जरा सा कोई चूक जाए तो फिर उसकी खैर नहीं है।

अधिकारियों की सख्ती भी साबित हो रही बेअसर  

चौंकाने वाली बात यह है कि उच्चाधिकारियों की सख्ती के बावजूद ये बालू ओवरलोड ट्रैक्टर एसपी-डीएम और डीआईजी तक के आवासों के सामने से फर्राटा भरते हुए निकलते हैं। स्थानीय पुलिस और अधिकारियों की छूट की वजह से इनपर कोई लगाम नहीं कसी जा रही है। शहर की आधा दर्जन पुलिस के सामने से बेरोक-टोक चालक ट्रैक्टर ट्रालियों में ओवरलोड बालू लेकर निकलते हैं।

बांदा शहर में बेरोक-टोक गुजरता ओवरलोड बालू लदा ट्रैक्टर।

हादसों का बन सकते हैं कारण

एक ट्रैक्टर चालक से जब बात की गई तो उसने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कोतवाली पुलिस महीने में एक बार हमारा नंबर नोट कर लेती है तो फिर कोई चौकी पुलिस वाला हमसे नहीं बोलता। अब इसका क्या सिस्टम है, यह आप समझ गए होंगे। अगर ऐसी ही लापरवाही रही तो ये ट्रैक्टर हादसा का कारण बन सकते हैं।

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बहरहाल, शहर में ओवरलोड बालू लदे ट्रैक्टरों की बेरोक-टोक आवाजाही बता रही है कि अधिकारी भले ही सख्ती कर रहे हों, लेकिन निचले स्तर पर इसकी खुली छूट है और यह आम जनता के लिए जानलेवा साबित  हो रहे हैं। ऐसे में पुलिस अधिकारियों की सभी कोशिशें ओवरलोडिंग पर बेअसर साबित हो रही हैं। उधर, इस संबंंध में खनिज विभाग के अधिकारियों से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका। आरटीओ विभाग के अधिकारियों से भी बात करने की कोशिश की गई, लेकिन संपर्क नहीं हो सका।

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