समरनीति न्यूज, बांदा : सरकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाने का मीडिया सबसे सशक्त माध्यम है। आज के दौर में डिजीटल/सोशल मीडिया की उपयोगिता और महत्ता से इंकार नहीं किया जा सकता।
ऐसे में सूचना विभाग की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है, लेकिन बांदा का जिला सूचना विभाग ‘अपनी ढपली-अपना राग’, वाली कहावत चरितार्थ कर रहा है। सूचना विभाग की सुस्ती और निष्क्रियता जारी है। अब मनमानी भी शुरू हो गई है।
दरअसल, सरकारी योजनाओं की जानकारी जन-जन तक पहुंचाने के लिए उच्चाधिकारी अक्सर प्रेसवार्ताएं करते हैं। ऐसे में जिला सूचना विभाग की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। बांदा में जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक समेत अन्य अधिकारियों की
प्रेसवार्ताएं और उनसे जुड़ी जरूरी खबरें मीडिया तक पूरी तरह पहुंचानेका काम नहीं हो रहा है। व्हाट्सएप ग्रुप पर सूचना पाकर सूचना विभाग के अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेते हैं।
भीड़ देखकर अधिकारी भी समझ नहीं पाते कि उनके द्वारा दी गई जानकारी कितने लोगों तक पहुंची है। ऐसे में बांदा सूचना विभाग के
जिम्मेदारों की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। कुछ दिन पहले जिले के दो उच्चाधिकारियों, डीएम-एसपी की प्रेसवार्ता की सूचना भी मनमाने ढंग से दी गई।
ऐसे में दोनों उच्चाधिकारियों द्वारा दी गईं जानकारियां कहीं न कहीं आम जनमानस तक नहीं पहुंची। इसका कहीं न कहीं सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार भी प्रभावित हो रहा है।
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