बुंदेली सियासतः बांदा में तीनों बड़े दलों का दल-बदलुओं पर दांव, कुछ ऐसे बन रहे समीकरण..
मनोज सिंह शुमाली, पॉलिटिकल डेस्कः यह कोरा इत्तेफाक नहीं है बल्कि वोटों के जातीय समीकरण के सहारे जीत की नैय्या पार लगाने की कवायद है कि तीनों बड़े दलों ने बाहर से आए दल-बदलुओं पर दांव खेला है। फिर चाहे कांग्रेस हो, भाजपा हो, या फिर सपा-बसपा गठबंधन। एक और खास बात यह है कि बांदा लोकसभा सीटों से जिन तीन प्रत्याशियों को उतारा गया है वे तीनों कभी न कभी सपा के पूर्व सांसद रहे हैं। श्यामाचरण गुप्त और आरके सिंह पटेल बांदा-चित्रकूट संसदीय सीट से सपा सांसद रह चुके हैं तो बालकुमार पटेल मिर्जापुर सीट से सपा सांसद रह चुके हैं। ऐसे में तीनों ही दलों में कहीं न कहीं ''बाहरी और घर का'', वाला फेक्टर काम करेगा।
श्यामाचरण ने फिर लौटकर नहीं देखा, अब क्या जनता..
थोड़ा विस्तार से बात करें तो सपा-गठबंधन के उम्मीदवार श्यामाचरण गुप्त हैं। उनकी पहचान राजनेता कम और व्यवसाई के रूप में ज्यादा है। चर्चा है कि श्यामाचर...