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जाणता राजा महानाट्य – अत्याधुनिक भव्य मंच पर 275 कलाकारों के जानदार अभिनय की दिलों पर दस्तक

जाणता राजा महानाट्य – अत्याधुनिक भव्य मंच पर 275 कलाकारों के जानदार अभिनय की दिलों पर दस्तक

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समरनीति न्यूज, कानपुरः शहर में चल रहे जाणता राजा महानाट्य के दूसरे दिन भी दर्शक बड़ी संख्या में अभिनय कला से मंत्रमुग्ध होते नजर आए। इस दौरान पुणे और कानपुर के करीब 275 कलाकारों ने अपने जानदार सशक्त अभिनय से सैकड़ों दर्शकों के दिलों पर दस्तक दी। नाटक के दूसरे दिन मां तुलजा भवानी की आरती से हुई शुरूआत  सैकड़ों दर्शक दिल थामकर शुरू से लेकर अंत तक नाटक देखते रहे। दूसरे दिन कार्यक्रम का शुभारंभ मां तुलजा भवानी की आरती से शाम लगभग सवा 6 बजे हुआ। महानाट्य के मंचन के दौरान आज जीजाबाई दर्शकों के आकर्षण का केंद्र रहीं। ये भी पढ़ेंः  बांदा में शिक्षक बना राक्षस- पीट-पीटकर कक्षा-3 के बच्चे की पसलियां और पैर तोड़ा, मौत वहीं शिवाजी, अफजल खान और औरंगजेब के संवादों पर दर्शकों ने खूब तालियां बजाईं। खासकर शिवाजी के छत्रपति बनने पर हुई आतिशबाजी दर्शकों को पूरी तरह से रोमांचित कर गई।  ...
चरैवेति-चरैवेति के सिद्धांत को अपनाकर देश व समाज की उन्नति में भागीदार बनें छात्र – राम नाईक

चरैवेति-चरैवेति के सिद्धांत को अपनाकर देश व समाज की उन्नति में भागीदार बनें छात्र – राम नाईक

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समरनीति न्यूज, बांदाः आज जिन छात्रों ने उपाधियां प्राप्त कर ली हैं उन्होंने अपने जीवन का एक बेहद महत्वपूर्ण पड़ाव पार कर लिया है। अब उनको अपने जीवन की एक नई यात्रा आरंभ करनी है और इस नई यात्रा में वे सभी चरैवेति-चरैवेती के सिद्धांत को जीवन में अपनाएं और देश व समाज की उन्नति के लिए कार्य करें। ये बातें उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहीं। श्री नाईक आज यहां बांदा कृषि विश्वविद्यालय के चौथे दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेने आए हुए थे। बांदा कृषि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में पहुंचे यूपी के राज्यपाल का छात्रों को उन्नति का मंत्र   इस दौरान राज्यपाल श्री नाईक ने कहा कि जो चलता रहता है उसका ही भाग्य चलता है। अगर आप सबको भी सूर्य की तरह प्रकाशवान बनना है तो सूर्य की तरह निरंतर चलते रहें। उन्होंने कहा कि ये दुनिया बहुत बड़ी है लेकिन अब दुनिया सबके नजदीक आ रही है। उदाहरण देत...
‘हमारी संस्कृति को संजोने का काम कर रही हिंदी’

‘हमारी संस्कृति को संजोने का काम कर रही हिंदी’

लखनऊ, सीतापुर
समरनीति न्यूज, सीतापुरः हिंदी दिवस पर डा अरुन त्रिवेदी ने अपनी पाती कविता का पाठ किया। इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने अपनी मूल सांस्कृतिक चेतना को अक्षुण्ण रखने के लिए हिंदी भाषा को हृदय से अपनाने पर दिया जोर। उन्होंने कहा कि हिन्दी केवल भाषा नहीं है बल्कि सनातन वाक् सत्ता एवं भारतीय अस्मिता की सुषुम्ना है जिसमें भारत की संस्कृति सभ्यता और संस्कारों के स्वर समाहित हैं। 'हिंदी दिवस' के मौके पर बताई हिंदी की उपयोगिता   कहा कि भाषा की विविधताओं में वैखरी के सभी सारस्वत स्वरूप आदरणीय हैं। 69 साल पहले आज ही के दिन हिंदी को ‘राजभाषा’ का दर्जा मिला था।  उन्होंने कहा कि आज भारत में क़रीब दो-तिहाई लोग हिंदी बोलते हैं। दुनिया में दूसरी सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली भाषा है हमारी हिंदी है। हिंदी सिकुड़ नहीं रही बल्कि फैल रही है। कहा कि यह अभी और फैलेगी। ये भी पढ़ेंः ..अब ‘वैदिक गणित’ के जरिये गणि...