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जिला अस्पताल में बिना टेंडर खरीद-फरोख्त से घोटाले की ‘बू’ !

सीतापुर जिला अस्पताल। (फाइल फोटो)

समरनीति न्यूज, सीतापुरः केंद्र सरकार हो या प्रदेश की सरकार स्वास्थ्य विभाग में गरीब मरीजों को सुविधा मुहैया कराने के लिए करोड़ों के बजट को प्रतिवर्ष आवंटित करती हैं ताकि मरीजों को सरकारी अस्पतालों में घर जैसी सुविधाएं मुहैया हो सकें। उनका ठीक तरीके से इलाज किया जा सके। लेकिन सीतापुर जिला अस्पताल की हालत बद से बदतर बनी हुई है।

बिना टेंडर के हो रही सामान की खरीद-फरोख्त 

सूत्रों की माने तो यहां सरकारी कोष में बजट तो करोड़ों का अलॉट किया गया है लेकिन बताया जा रहा है कि अफसरों और ठेकेदारों की मिलीभगत से बगैर टेंडर कराए ही लाखों की खरीद की जा रही है। बताते हैं कि वित्तीय वर्ष 2017-2018 को गुजरे 5 महीने हो जाने के बाद भी अबतक जिला अस्पताल सीतापुर में कंटीजेंसी अनुरक्षण रिपेयरिंग वर्क, साइकिल, मोटर साइकिल स्टैंड और मरीजों के खाने व उनकी दवा उपलब्ध कराने के लिए टेंडर नहीं कराया गया है।

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सूत्रों की माने तो अधिकारियों व ठेकेदारों की सांठगांठ से कोटेशन पर किसी भी सामान को उच्च दामों पर खरीदा जा रहा है जबकि जानकारों का कहना है कि प्रत्येक वित्तीय वर्ष की शुरुआत में 1 वर्ष के लिए 1 लाख से ऊपर के जो भी सामान की खरीद फरोख्त होनी है। उसका टेंडर कराना अनिवार्य होता है।

मार्केटरेट के सर्वे के अनुसार ही टेंडर कराया जाता है लेकिन यहां सूत्रों की माने तो सरकारी बजट को ठिकाने लगाने के लिए अफसरों-कर्मचारियों ने बगैर टेंडर कराए ही सामान की परचेसिंग की जा रही है।

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हालांकि जब इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों से बात की गई तो उनका कहना था अभी डिजिटल सिग्नेचर हमारे नहीं आ पाए हैं इस वजह से टेंडर नहीं हो पा रहे हैं। जल्द ही टेंडर कराए जाएंगे।