समरनीति न्यूज, कानपुर/उन्नावः जमीन को अपने खून-पसीने से सींचकर लोगों के लिए अन्न पैदा वाला अन्नदाता किसान आज अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। दूसरी ओर गौ माता भी सरकारी व्यवस्था में फैले भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही हैं। एक और किसान सरकारी उदासीनता के चलते अन्ना पशुओं से अपनी फसलें बचाने को जूझ रहा है, तो वहीं दूसरी ओर गौ माताएं भूख से व्याकुल होकर दर-दर भटक रही हैं। सरकार गौशालाओं के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च करने का दावा कर रही है, लेकिन जमीनी धरातल पर ये दावे पूरी तरह खोखले साबित हो रहे हैं। किसान और गौ माताएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहे हैं। ये बातें आज यहां पूर्व सासंद अन्नू टंडन ने अपने पूर्व प्रस्तावित किसान सत्याग्रहण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं। हजारों किसानों की भीड़ के बीच से अन्नू टंडन ने सरकार को जबरदस्त ढंग से घेरा।
हजारों किसानों की भीड़ जुटी, कांग्रेसी भी हुए शामिल
आज सोमवार को यह किसान सत्याग्रह का आयोजन उन्नाव में वकीलों वाली रामलीला मैदान में हुआ। इस किसान सत्याग्रह में शामिल होने के लिए जिले के विभिन्न क्षेत्रों से हजारों किसान व कांग्रेस कार्यकर्ता सुबह से ही जुटने लगे थे। बार एसोसिएशन के पूर्व पदाधिकारियों के अलावा शिक्षक, सामाजिक सेवा संगठन, किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने भी इसे समर्थन दिया। हजारों की संख्या में मौजूद किसानों को संबोधित करते हुए पूर्व सांसद अन्नू टंडन ने कहा कि कैसी विडंबना है, कि कृषि प्रधान देश भारत में आज भाजपा सरकार की उदासीनता व भ्रष्टाचार की वजह से अन्नदाता किसान बेहाल और कमजोर हो गया है।
पदयात्रा पर प्रशासन की रोक, टकराव की स्थिति बनी
कहा कि जिस गाय को हम माँ की श्रेणी में रखते हैं वह भूख, कुपोषण व भ्रष्टाचार का शिकार होकर गौशालाओं में दम तोड़ रही हैं। उन्होंने आगे कहा कि किसान व गाय की इस दुदर्शा को वह नहीं देख सकती हैं। उन्होंने कहा कि यही वजह है कि उनको निरंकुश सत्ता के खिलाफ संघर्ष करना पड़ रहा है। इस संघर्ष पर चाहें जितना जुल्म सरकार कर ले, लेकिन वह पीछे नहीं हटेंगी। बाद में पूर्व सांसद ने किसान व गाय की समस्याओं पर किसान हित में 5 सूत्री मांगों को लेकर ज्ञापन भी उप जिलाधिकारी को सौंपा।
पुलिस से हुई धक्का-मुक्की, लेकिन हालात संभले
किसान सत्याग्रह में विशिष्ट अतिथि के तौर पर पहुंचे पूर्व विधायक तथा प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष ललितेशपति त्रिपाठी ने कहा कि हम उन्नाव के जिला प्रशासन से यहां सवाल करने आए हैं कि आखिर गौशाला में आए धन से गाय का पेट नहीं भरा तो किसका पेट भरा है। हालांकि, इस दौरान सत्याग्रह के बाद पदयात्रा की तैयारी थी, लेकिन भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने पदयात्रा की अनुमति नहीं दी। किसानों ने प्रशासन पर ज्यादती का आरोप लगाते हुए विरोध किया। इससे पुलिस और किसानों के बीच खींचतान भी हुई, लेकिन फिर स्थित संभल गई। किसान अधिकार मोर्चा के जिला संयोजक बृजपाल सिंह यादव ने कहा कि किसानों का हर सरकारी तंत्र में शोषण हो रहा है।
ज्ञापन लेने जिलाधिकारी के न आने पर धरने पर बैठीं अन्नू
सत्याग्रह के बाद जब पूर्व सांसद अन्नू टंडन किसानों के साथ जिलाधिकारी को ज्ञापन देने पहुंचीं। वहां डीएम नहीं थे। इसपर पूर्व सांसद ने कहा कि किसानों की समस्याओं को सुनने का समय जिलाधिकारी के पास नहीं है तो यह बड़े ही शर्म की बात है। वह जिलाधिकारी को बुलाए जाने की मांग को लेकर वहीं किसानों के साथ धरने पर बैठ गईं। बाद में प्रशासन की ओर से उप जिलाधिकारी वहां पहुंचे।
उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी हसनगंज जिपं चुनाव में व्यस्त हैं इसलिए आने में समर्थ हैं। इसके बाद एसडीएम को ज्ञापन सौंपा गया। किसान सत्याग्रह में प्रमुख रुप से वीर प्रताप सिंह, बृजपाल यादव, दिनेश शुक्ला, कमल तिवारी, विश्वास निगम, अनवर खुर्शीद, अजय श्रीवास्तव, गिरीश मिश्रा, ज्ञान प्रकाश सिंह, किसान यूनियन के रमेशचन्द्र त्रिपाठी, यशकरन पटेल, अरुणेंद्र यादव, अनूप मेहरोत्रा, महेश तिवारी, अमन मिर्जा, फतेह बहादुर सिंह, किरन पांडे, पूजा सिंह, सीमा सिंह, मोहम्मद फैज, संजय निगम आदि मौजूद रहे।
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