समरनीति न्यूज, कानपुरः प्यार की राह आसान नहीं होती, फिर दूसरी जाति-धर्म में प्यार के अंकुर फूट जाएं तो मुश्किलें और बढ़ जाती हैं। कुछ ऐसा ही हुआ कानपुर की एक महिला डाक्टर के साथ। जी हां, यह महिला डाक्टर दूसरी बिरादरी के लड़के से शादी करना चाहती थीं। परिवार के लोगों को यह बाद इतनी नगवार गुजरी कि 4 महीने तक उनको एक कमरे में बंधक बनाकर रखा। आखिरकार महिला डाक्टर का सब्र टूटा और उन्होंने मेल के जरिए महिला आयोग से मदद मांगी। इसके बाद पुलिस ने जाकर उनको मुक्त कराया और लखनऊ भेज दिया। दरअसल, पूरा मामला कानपुर के रावतपुर के आवासी टावर से जुड़ा है। वहां रहने वाली एक महिला डाक्टर को पुलिस ने उनके परिवार से मुक्त कराया है।
महिला आयोग के निर्देश पर पुलिस पहुंची घर
महिला डाक्टर का आरोप है कि 18 फरवरी से उनको बंधक बनाया गया था। कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार पी ने फोर्स के साथ मौके पर पहुंचकर खुद उनको मुक्त कराया है। हालांकि, महिला डाक्टर के अनुरोध पर पुलिस ने आरोपी परिजनों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। बताया जाता है कि रावतपुर के एक आवासीय टावर में रहने वाले दंपती की 28 साल की बेटी मेडिकल की पढ़ाई कर रही हैं। वह लखनऊ में रहती हैं। बताते हैं कि फरवरी में वह नई नौकरी ज्वाइन करने से पहले घर पहुंची थीं। वह गैर जाति के युवक से शादी करना चाहती थीं।
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परिवार वालों को इसकी जानकारी दी। आरोप है कि माता-पिता ने इंकार करते हुए बेटी को बंधक बना लिया। आरोप है कि 18 फरवरी से वह एक कमरे में बंधक हैं और तभी से वह बाहर नहीं निकली हैं। परिवार के लोग बिरादगी में शादी करने का दवाब डालते रहे। उधर, कानपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी ने जानकारी दी है कि सूचना मिलने पर डाक्टर के आवास पर पहुंचकर जानकारी की। महिला डाक्टर ने पूरी बात उनको बताई। महिला डाक्टर ने पुलिस ने लखनऊ जाने की इच्छा जाहिर की। पुलि ने उनको लखनऊ भेज दिया। महिला डाक्टर के अनुरोध पर माता-पिता के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
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