समरनीति न्यूज, बांदा : बीते दिनों आबकारी विभाग के एक साहब और उनके रिश्तेदार इंस्पेक्टर की मिलीभगत खूब चर्चा में रही थी। दरअसल, महकमे में कुछ लंबे समय से जमे कुछ अधिकारियों की वजह से विभाग में सब गड़बड़ ही गड़बड़ मची हुई है। जिले में मिलावटी शराब से लेकर ओवररेट और नियम विरुद्ध तड़के सुबह से देर रात तक दारु की बिक्री को लेकर चर्चाएं हैं। चर्चाएं निराधार नहीं हैं। खुद बांदा के पुलिस अधीक्षक अभिनंदन ने 6 अगस्त 2021 को छापा मारकर शहर से सटे इलाके मवई में मिलावटी शराब की पेकिंग होते खुद पकड़ा था। इसके बावजूद आबकारी विभाग के अधिकारियों ने कभी इस दिशा में कदम नहीं उठाया। आबकारी विभाग की शिथिलता शराब माफियाओं का दुस्साहस बढ़ा रही है।
कई साल से जमे अफसर महकमे के लिए नासूर
इसके बाद सख्त कार्रवाई की गई थी, लेकिन जिले के आबकारी विभाग की ओर से आजतक ऐसी कार्रवाई की सुनने को नहीं मिली। पुलिस ने इसके अलावा भी अवैध शराब बिक्री को पकड़ा है, लेकिन आबकारी विभाग कार्रवाई तो दूर, पुलिस की कार्रवाई में भी कमिया तलाशना शुरू कर देता है।
सूत्रों की माने तो हाल यह है कि बांदा शहर के आवास विकास इलाके में शराब दुकानों के बाहर सुबह 6 बजे से कुछ सेल्समैन शराब लेकर खड़े हो जाते हैं। ये सुबह 6 बजे से शराब बेचना शुरू करते हैं। फिर यह सिलसिला रातभर चलता है।
यहां सुबह 6 बजे से मिलने लगती शराब, रात में बैक डोर..
दुकानें दिखावे के लिए रात 10 बजे बंद हो जाती हैं, लेकिन बैक डोर से शराब की बिक्री जारी रहती है। इस बारे में जब आबकारी विभाग के अधिकारियों से बात की जाती है तो जवाब मिलता है कि जिले में कहीं गड़बड़ी नहीं हो रही है। हालांकि, जिले के एक आबकारी अधिकारी के कारनामें काफी चर्चा में हैं।
आबकारी अधिकारी और इंस्पेक्टर रिश्तेदार की थी चर्चा
खास सूत्रों का कहना है कि कुछ दिन पहले इन आबकारी के साहब ने अपने एक रिश्तेदार इंस्पेक्टर का तबादला बांदा जिले में करा लिया था। ऐसे में पुलिस और आबकारी की मिलीभगत से कामधंधे को लेकर खूब चर्चाएं हुई थीं। हालांकि, बाद में उच्चाधिकारियों ने इंस्पेक्टर रिश्तेदार को हटा दिया था, लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं ऐसे अधिकारियों की वजह से आबकारी विभाग भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है।
धार्मिक स्थल और शिक्षण संस्थानों के पास शराब दुकानें..
चिल्ला रोड पर स्थित चर्च से चंद कदमों की दूरी पर शराब की दुकान है। तबकि नियमत: किसी भी धार्मिक स्थल के पास शराब की दुकान नहीं होनी चाहिए। इसी तरह महिला कालेज के पास भी शराब की दुकान चर्चा का विषय बनी है। इन दुकानों को कैसे अनुमति दे दी गई। यह लोगों की समझ से परे है। हालांकि, इस संबंध में बात करने के लिए आबकारी विभाग के अधिकारी से संपर्क करने का प्रयास किया गया। लेकिन संपर्क नहीं हो सका।
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