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बांदा चुनाव 2022 : बबेरू-233 पर BJP का नहीं दिख रहा जोर-शोर, दो बार के हारे अजय पटेल पर है दांव

Banda Election 2022: BJP's emphasis is not visible on Baberu-233, the bet is on Ajay Patel, who lost two elections

मनोज सिंह शुमाली, ब्यूरो : कुछ समय पहले बांदा में जिला पंचायत चुनाव हारे अजय पटेल को भारतीय जनता पार्टी ने बांदा जिले की बबेरू-233 विधानसभा सीट से मैदान में उतारा है। अजय पटेल को प्रत्याशी बनाए जाने पर पार्टी के लोग अचंभित हैं। क्षेत्र की जनता भी चौंक गई है। इसकी वजह है कि हाल ही में जिला पंचायत चुनाव में अजय पटेल की करारी हार हुई थी। क्षेत्र में उनका बहुत बड़ा जनाधार नहीं कहा जा सकता। इसके बावजूद पार्टी ने क्या सोचकर उन्हें मैदान में उतारा है, यह बात किसी के गले नहीं उतर रही।

2012 में विधानसभा हारे, हाल ही में पंचायत चुनाव भी हारे, अजय की अब बड़ी परीक्षा

हालांकि, 2017 में बीजेपी ने मोदी लहर में इस सीट पर जीत हासिल की थी। चंद्रपाल कुशवाह यहां से विधायक थे, लेकिन इसबार फिलहाल बांदा की बबेरू-233 विधानसभा में कोई जोर-शोर नहीं दिखाई दे रहा है। कोई माहौल नजर नहीं आ रहा है। सुस्ती चर्चा का विषय बनी है। प्रमुख दलों के बीच कांटे की टक्कर फंसी है।

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भाजपा किसान मोर्चा के बड़े पदाधिकारी रहे अजय पटेल 2012 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव तो हार गए थे। 2017 में उनको टिकट नहीं मिला। हाल ही में जिला पंचायत चुनाव लड़े और उसमें भी हारे। अब उनकी सीधी टक्कर सपा और बसपा से है। सपा से जहां दो बार के पूर्व विधायक विशंभर यादव मैदान में हैं। वहीं बसपा से रामसेवक शुक्ला चुनाव लड़ रहे हैं।

बबेरू के पटेल वोटरों को साधने की होगी बड़ी चुनौती, कांग्रेस से भी पटेल ही है प्रत्याशी

बीजेपी प्रत्याशी अजय पटेल के लिए सबसे बड़ी चुनौती पटेल वोटरों को साधने की होगी। कांग्रेस ने पटेल समाज से ही गजेंद्र सिंह पटेल को मैदान में उतारा है। इसलिए पेटल वोटर दो जगहों पर बिखरेंगे।

बबेरू-233 का राजनीतिक इतिहास, 1996 में पहली बार भाजपा के हिस्से में आई सीट

दरअसल, 3,27,864 मतदाताओं वाली विधानसभा बबेरू-233 बुंदेलखंड की राजनीतिक में काफी मायने रखती है। यहां पुरुष मतदाता 1,81,114 हैं, वहीं महिला मतदाता 1,46,750 हैं।

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बबेरू विधानसभा सीट के इतिहास पर नजर डालें तो पता चलता है कि यहां 1989 तक कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी का दबदबा रहा। इसके बाद 1991, 1993 और 2002 में बहुजन समाज पार्टी के गया चरण दिनकर ने जीत दर्ज कराई।

2017 में बीजेपी को मोदी लहर में मिली थी यह सीट, अबकी बार बिल्कुल अलग हालात

वे 3 बार विधायक रहे। 1996 में पहली बार भाजपा टिकट पर शिवशंकर विधायक बने। इसके बाद 2007 और 2012 में सपा के विशंभर यादव विधायक रहे। फिर 2017 में आई मोदी लहर में चंद्रपाल कुशवाह विधायक बने। 2017 में भाजपा की जीत को मोदी लहर के रूप में देखा जाता है। हालांकि, अब हालात बिल्कुल अलग हैं। प्रत्याशियों को अपने दम पर जीत दर्ज करानी होगी।

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