समरनीति न्यूज, बांदा : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने बुंदेलखंड में अन्ना पशुओं की दुर्गति को देखते हुए बड़ी पहल की थी। योगी सरकार ने बुंदेलखंड के अन्ना पशुओं के पालन-पोषण और आश्रय की व्यवस्था करते हुए इसके लिए मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना लांच की थी। इस योजना के तहत ऐसे पशुओं के लिए 30 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से आर्थिक मदद देने की व्यवस्था भी की गई।
3 महीने से नहीं मिली प्रोत्साहन राशि
बांदा में सभी 498 ग्राम पंचायतों में ऐसी गो शालाएं खोली गईं। इनमें अन्ना मवेशियों को रखा जाता है। समस्या इस बात की है कि बीते कई महीनों से इन गो पालकों को प्रोत्साहन राशि नहीं मिली है।
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दरअसल, आने वाले दिनों के लिए गो पालक पहले ही कम कीमत में भूसा खरीदकर रख लेते हैं, ताकि आने वाले दिनों में दिक्कत न हो। मगर बजट की समस्या से इस बार ऐसा नहीं कर पाए हैं। गो पालकों का कहना है कि उनको फरवरी, मार्च और अप्रैल से प्रोत्साहसन राशि नहीं मिली है।
इस बार अलग है भूसे को लेकर हालात
जानकार बताते हैं कि इस बार बांदा में करीब 70 प्रतिशत खेती मटर की हुई है। गेहूं की खेती काफी कम हुई है। इसलिए भूसे की कमी पहले ही है। वर्तमान में भूसा 1000 से 1200 रुपए कुंतल तक बिक रहा है।
क्या कहते हैं प्रगतिशील किसान प्रेम सिंह
बांदा के प्रगतिशील किसान प्रेम सिंह का कहना है कि इस बार भूसे की कमी होने की दो वजह हैं। एक है कि गेहूं की फसल कम हुई है। मटर की खेती ज्यादा की गई है। दूसरी वजह है कि गोशालाओं के लिए भूसा खरीदकर रख लिया गया है। आने वाले दिनों में भूसे की कीमतें और बढ़ेंगी।
क्या कहते हैं अधिकारी, इनकी भी सुनिए
जिला पशु चिकित्सा अधिकारी एसपी सिंह से बात की गई। उन्होंने कहा कि यह बात सही है कि बजट नहीं आया है। इसलिए गो पालकों को अभी भुगतान नहीं हो सका है। उन्होंने यह भी कहा कि जल्द ही भुगतान की व्यवस्था कराई जाएगी। कहा कि भुगतान के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। कुछ दिनों में भुगतान करा दिया जाएगा।
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