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..और इस तरह कहें अपनी जिंदगी से डिप्रेशन को गुडबाय

..और इस तरह कहें अपनी जिंदगी से डिप्रेशन को गुडबाय

Today's Top four News, सेहत
समरनीति सेहतः  आंखों में ढेरों सपने सजाकर आज हर इंसान तरक्की की होड़ में अंधी दौड़ दौड़ता जा रहा है। रोजमर्रा की जिंदगी में सबुकछ इतना अशांत और तेजी से गुजर रहा है कि लोग खुद का आस्तित्व ही भूलते जा रहे हैं। यही वजह है कि हर कोई आज मन की शांति खो चुका है। मन की हलचल और परेशानियां जल्द ही दिमाग में भी घर बना लेती हैं। यही वजह है कि ज्यादातर लोग अशांतमन से जिंदगी जी रहे हैं और देर-सवेर डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं। डिप्रेशन हो हावी तो हालात नहीं , खुद को बदलने की करें कोशिश  जिंदगी सुख-दुख दो पाटों के बीच में चलती है। कभी हमें सुख मिलता है तो कभी दुख का भी एहसास होता है। जब चीजें हमारे मन की नहीं होती हैं तो हम दुखी हो जाते हैं। दुख ज्यादा गहरा होता है तो धीरे-धीरे हम डिप्रेशन में चले जाते हैं।  एक समय ऐसा आता है कि डिप्रेशन के शिकार व्यक्ति को कुछ भी अच्छा नहीं लगता है और अपनी जान तक ...
निपाह वायरस को लेकर एलर्ट मोड पर स्वास्थ्य महकमा

निपाह वायरस को लेकर एलर्ट मोड पर स्वास्थ्य महकमा

सेहत
केरल में वायरस प्रभावी, स्वास्थ्य महकमा कर रहा जागरूक  लखनऊः  इन दिनों सोशल मीडिया पर निपाह वायरस के लक्षण और बचाव को लेकर जमकर प्रचार प्रसार हो रहा है। केरल में इस रोग की दस्त के बाद से लोगों में निपाह वायरस को लेकर काफी चर्चाएं भी हो रही हैं। डब्ल्यूएचओ के अनुसार निपाह एक नई उभरती हुई बीमारी है, जो वायरस के संक्रमण के प्रभाव से जानवर और इंसान दोनों में तेजी से फैलता है। यह गंभीर बीमारियों कोजन्म देता है। इस बीमारी की पहली बार पहचान 1998 में मलेशिया के निपाह गांव से हुई थी, इसीलिए उस गांव के नाम पर इस वायरस को नाम दिया गया। भारत में इसका प्रभाव 2001 में देखने को मिला था। इस वर्ष भी इसके कई मामले सामने आ चुके हैं। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने सूबे के हर जिले के लिए एलर्ट जारी कर दिया है। सीतापुर में भी अधिकारियों ने इसे लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। निपाह वायरस के क्या हैं लक्षण -कैस...
जुबान को स्वाद ही नहीं तन-मन को रंगत भी देगा शहद

जुबान को स्वाद ही नहीं तन-मन को रंगत भी देगा शहद

सेहत
समरनीति सेहतः शहद, एक ऐसा पेय पदार्थ है जिसका नाम आते ही मुंह में मिठास घुल जाती है। शहद जितना स्वादिष्ट होता है उतना ही गुणकारी भी होता है। ऋषि-मुनियों ने भी इसके गुणों को मानव के लिए बेहद लाभकारी बताया है। कहा जाता है कि यह लगभग बीते 8000 वर्षों से हमारे खाने-पीने का हिस्सा रहा है। आयुर्वेद तो शहद को तमाम बीमारियों से लड़ने वाला एक बहुउपयोगी पेयपदार्थ करार देता है। बड़े-बूढ़े हों या छोटे बच्चे सभी की सेहत के लिए शहद बेहद लाभदायक होता है। बस अलग-अलग बीमारियों में इसको खाने-पीने के तौर-तरीके जरूर बदल जाते हैं। शहद को लंबे समय तक रखने के बावजूद यह खराब नहीं होता। जानकार बताते हैं कि इसको घाव और जलने वाले स्थान पर लगाने से जख्म जल्दी ठीक हो जाते हैं। अब हम नजर डालते हैं शहद से होने वाले 21 फायदों पर। शहर में एंटीओक्सिडेंट के गुण होते हैं जो बीमारियों से लड़ने वाली हमारी क्षमता को...