सामाजिक कार्यकर्ताओं ने वीवीपीएटी की सभी पर्चियों के मिलान की मांग उठाई
समरनीति न्यूज, डेस्कः ईवीएम की विश्वसनीयता पर लगातार सवाल उठ रहा है। पिछले दिनों मुंबई हाईकोर्ट में दाखिल एक जनहित याचिका की सुनवाई में भी खुलाया हुआ था कि 20 लाख ईवीएम चुनाव आयोग के कब्जे में ही नहीं पहुंचा। विपक्षी दल भी लगातार ईवीएम पर सवाल उठा रहे है। इस बीच नागरिक समाज के सदस्यों ने एक बयान जारी कर लोकसभा चुनाव 2019 के लिए सभी वीवीपीएटी पर्चियों की गिनती की मांग की है। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने ये सिफारिश की है कि वीवीपीएटी की पर्चियों को बैलेट पेपर के रूप में माना जाए और हर एक मतदाता पर्ची की गिनती की जाए।
मांग करने वालों में अरुणा रॉय, जयति घोष, जस्टिस एपी शाह, संजय पारिख और सैयदा हमीद जैसे लोग शामिल
सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि वोट एक नागरिक का मूल अधिकार है जो लोगों की इच्छा को वैधता और शक्ति देता है। मांग करने वालों में अरुणा रॉय, जयति घोष, जस्टिस एपी शाह, संजय पारिख और सैयदा ह...