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खास खबरः सुप्रीमकोर्ट का आयोग को निर्देश, अब 5 बूथ की ईवीएम की वीवीपैट का करे मिलान

सुप्रीम कोर्ट।

समरनीति न्यूज, पॅालिटिकल डेस्कः देश की सर्वोच्च अदालत ने सोमवार को एक बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीमकोर्ट ने सोमवार को निर्वाचन आयोग को निर्देश दिए हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव में वीवीपैट पर्चियों के मिलान की संख्या को पहले के मुकाबले और बढ़ा दे। इस मामले में अहम फैसला देते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा है कि ‘एक निर्वाचन क्षेत्र से एक की बजाए 5 ईवीएम मशीनों के चुनाव से इसकी प्रमाणिकता तथा चुनाव प्रक्रिया को लेकर विश्वास न सिर्फ राजनीतिक पार्टियों को होगा, बल्कि गरीब लोगों के मन में भी विश्वास सुनिश्चित होगा।’ सुप्रीमकोर्ट के इस फैसले को अहम माना जा रहा है।

छह विधानसभा हैैं तो 30 वीवीपैट का होगा मिलान 

यानी अब एक लोकसभा सीट में आने वाली सभी विधानसभा सीटों के 5 बूथ की ईवीएम की वीवीपैट का मिलान होगा। मान लीजिए, अगर एक लोकसभा सीट पर छह विधानसभा हैं तो 30 वीवीपैट की पर्चियों का मिलान होगा। यानी पहले से पांच गुना ज्यादा वीवीपैट की गिनती होगी। अगर एक लोकसभा सीट पर 6 विधानसभा हैं तो 30 वीवीपैट की गिनती होगी।

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इस मामले की सुनवाई सर्वोच्च अदालत के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने की। इस व्यवस्था से विपक्षी पार्टियों और आम लोगों में ईवीएम मशीन से चुनाव को लेकर उठ रहे संशय पर विराम लग सकेगा। हांलाकि नतीजे आने में थोड़ा सा ज्यादा समय लग सकता है।

पहले कुछ ऐसी थी व्यवस्था 

पहले जो व्यवस्था थी उसके तहत् एक लोकसभा सीट की एक विधानसभा के एक ही बूथ की वीवीपैट पर्चियों की गिनतियां कराई जाती थीं लेकिन सुप्रीमकोर्ट के निर्देशों के बाद अब प्रत्येक लोकसभा सीट से पांच ईवीएम मशीनों की वीवीपैट पर्चियों का मिलान होगा।

यह थी विपक्षी पार्टियों की मांग 

इस मामले में विपक्षी पार्टियों की मांग थी कि आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान वीवीपैट की 50 फीसदी पर्चियों का मिलान सुनिश्चित कराया जाए। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में 21 विपक्षी पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट में इसी को लेकर याचिका दाखिल की थी लेकिन विपक्षी पार्टियों की इस मांग को सुप्रीम कोर्ट ने नहीं माना, कहा कि जमीनी स्तर पर इसके लिए पहले के मुकाबले ज्यादा मैनपावर चाहिए। कठिनाइयों के मद्देनजर अब यह संभव नहीं है।

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