समरनीति न्यूज, बांदाः गुरुवार दोपहर घर के आंगन में भूसे के ढेर से मासूम भाई-बहनों के शव मिलने के मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है। थाना पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह दम घुटना आया है। पुलिस दोनों मासूम बच्चों की हत्या किए जाने की किसी भी आशंका से साफ इंकार कर रही है। पुलिस का कहना है कि यह घटना महज के दुखद हादसा था। उधर, दूसरी ओर मासूम बच्चों के माता-पिता आज घटना के तीन बाद भी पूरी तरह से बदहवास से हैं। मां मंजू के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं तो पिता श्रीकृष्णचंद्र की हालत भी ठीक नहीं है। माता-पिता को दोनों मासूम बच्चों की रह-रहकर याद आ रही है।
गुरुवार को हुआ था दिल दहला देने वाला घटनाक्रम
हालांकि, दिल पर पत्थर रखते हुए परिवार के लोगों ने दोनों मासूम बच्चों का अंतिम संस्कार केन नदी में शवों को प्रवाहित करते हुए किया। आंखों के सामने शवों को नदी में ओझल होते देख वहां मौजूद कोई भी व्यक्ति अपने आंसू नहीं रोक पा रहा था। बताते चलें कि गुरुवार दोपहर बांदा के मटौंध थाना क्षेत्र के गांव बजरंगपुरवा में वहां रहने वाले श्रीकृष्णचंद्र के दो बच्चे घर के आंगन में खेलते वक्त गायब हो गए थे।
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परिवार के लोगों ने काफी तलाश की, लेकिन बच्चों का कुछ पता नहीं चला। बाद में पुलिस को सूचना दी गई थी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सुरागकसी की, तो दोनों बच्चों के शव घर के आंगन में लगे भूसे में मिले थे। इनमें 3 साल की बच्ची सृष्टि (3) और डेढ़ साल का बेटा आदर्श था। बच्चों के शवों के देखकर परिवार में कोहराम मच गया था। माना जा रहा है कि बच्चे खेलते समय भूसे के ढेर तक पहुंचे और उसमें छिपने के दौरान उनका दम घुट गया होगा।
बच्चों को याद कर अब भी बिलख रहे हैं माता-पिता
बताते हैं कि भूसे के उपर पन्नी डालकर लकड़ी रखी हुई थी। इसलिए छोटे बच्चे भूसे में घुसने के बाद उससे निकल नहीं पाए होंगे। मामले में मटौंध थाना प्रभारी रविंद्र तिवारी का कहना है कि घटना महज एक दुखद हादसा है। इसमें हत्या जैसी कोई बात सामने नहीं आई है। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को पोस्टमार्टम के बाद परिवार के लोगों ने दोनों शवों को केन नदी में प्रवाहित करते हुए अंतिम संस्कार कर दिया है। श्रीकृष्णचंद्र के परिवार में अब एक छह माह की बेटी बची है, जो दिव्यांग है। मासूम बच्चों की मौत हो जाने के बाद मां मंजू का रो-रोकर बुरा हाल है। अब भी वह अपने बच्चों की याद में बिलख रही हैं।
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