समरनीति न्यूज, बांदाः अभी दो दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चित्रकूट के दौरे के बाद वहां स्वास्थ सेवाओं में लापरवाही मिलने पर सीएमओ और सीएमएस को हटा दिया था। इसके बावजूद बांदा के जिला अस्पताल का हाल बुरा है। हाल इतने बुरे हैं कि अधिकारियों की गैरजिम्मेदारी के चलते प्रदेश के राज्यमंत्री लाखन सिंह को अंधेरे में अस्पताल में मरीजों को फल बांटने पड़े। सीएमएस उषा सिंह का जवाब था कि विद्युत सप्लाई ठप है और जनरेटर तकनीकि गड़बड़ी से बंद है।
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अव्यवस्था का आलम यहीं खत्म नहीं हुआ, बल्कि हद तो तब पार हो गई जब एक गरीब बेता नाम की महिला मरीज ने राज्यमंत्री से कहा कि एक स्वास्थ कर्मचारी ने उनसे डिलीवरी के नाम पर 1000 रुपए वसूल लिए हैं। वह बहुत गरीब है और अब उसके पास कुछ नहीं है।
मंत्री ने जांच के आदेश, विधायक ने फटकारा
इसपर मंत्री ने सीएमएस ऊषा सिंह से पूछताछ की और दोषी पर कार्रवाई के निर्देश दिए। साथ ही रुपए वापस कराने को भी कहा। साथ में मौजूद सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी ने इस मामले में सीएमओ संतोष कुमार तथा महिला अस्पताल की सीएमएस फटकार लगाते हुए दोषी स्वास्थ्य कर्मी पर सख्त कार्रवाई को कहा। कहा कि अधिकारियों की मौन स्वीकृति के चलते मरीजों से वसूली होती है। सदर विधायक ने कहा कि गरीब मरीजों के साथ अत्याचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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विधायक ने चेतावनी देते हुए कहा कि इसकी जांच कराई जाए। विधायक ने डीएम हीरालाल को भी फोन करके मौके पर बुलाया। जल्दबाजी में वहां पहुंचे जिलाधिकारी ने भी मामले का संज्ञान लिया। हालांकि इसके बाद सबकुछ ठीक हो जाएगा, इसकी कोई गारंटी नहीं है क्योंकि जिला अस्पताल में अव्यवस्थाओं का आलम इतना पुराना है कि मरीज-तिमारदारों इसी को अपनी नियति मान बैठे हैं। अधिकारियों के निरीक्षण के बाद हालात फिर पुराने ढर्रे पर पहुंच जाते हैं।
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