समरनीति न्यूज, डेस्कः एससी/एसटी एक्ट के मामलों में आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी पर रोक को लेकर एक्ट में बदलाव की मांग को लेकर दलित संगठनों के भारत बंद आह्वान के बाद पूरे देश में सर्तकता बरती जा रही है। हांलाकि केंद्र सरकार द्वारा इस मामले में संसद के सत्र में एक्ट में बदलाव को लेकर लाए गए बिल के बाद यह मुद्दा खत्म हो चुका है लेकिन सोशल मीडिया पर चल रहे संदेशों को लेकर खुफिया एजेंसिया सतर्क हैं।
आल इंडिया अंबेडकर महासभा के साथ ही कुछ अन्य दलों ने खुद को इस बंद से अलग कर लिया है। इसके बावजूद बंद के आह्वान से प्रभावित होने वाले संभावित इलाकों में सुरक्षाबल व पुलिस को तैनात किया गया है। बताते चलें कि इससे पहले 2 अप्रैल को दलित संगठनों के बंद के दौरान जमकर हिंसा हुई थी।
इसलिए भारत बंद आह्वान को देखते हुए पूरे उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट जारी है। प्रशासन की ओर से रेलवे, हवाई अड्डों, प्रमुख धार्मिक स्थलों पर कड़े सुरक्षा के इंतजाम हैं। मध्य प्रदेश पुलिस भी हाई अलर्ट है। कई जिलों में धारा-144 लागू है। पिछली बार दलित संगठनों के भारत बंद के दौरान मध्य प्रदेश के भिंड में भारी हिंसा हुई थी।
दलित समुदाय के कार्यकर्ता केंद्र सरकार तक अपनी मांगों का संदेश पहुंचाने के लिए आज दिल्ली के कनॉट प्लेस समेत कई व्यस्त सड़कों, बाजारों में प्रदर्शन और रैलियां करेंगे। सोशल मीडिया के जरिए अफवाह फैलाने वालों पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है। डीआईजी कानून-व्यवस्था प्रवीण कुमार ने बताया कि गुरुवार (9 अगस्त) को भारत बंद जैसी स्थिति नहीं है लेकिन कुछ संगठनों की अपील को देखते हुए व्यापक सावधानी बरती जा रही है।