Friday, May 3सही समय पर सच्ची खबर...

अल्लाह के 99 नामों में एक भी नाम हिंसा नहीं – सुषमा स्वराज

ओआईसी की बैठक को संबोधित करतीं विदेशी मंत्री सुषमा स्वाराज।

समरनीति न्यूज, डेस्कः भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शुक्रवार को संयुक्त अरब अमीरात में इस्लामिक सहयोग संगठन यानि ओआईसी की बैठक को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने आतंकवाद के मुद्दे को बड़े ही जोरदार ढंग से उठाया। सुषमा ने कहा है कि आतंकवाद दुनिया के लिए बड़ा खतरा है और यह लोगों के जीवन को बर्बाद कर रहा है। 

ओआईसी की बैठक में जमकर बोलीं सुषमा 

दो दिवसीय बैठक के उद्घाटन सत्र में विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुईं भारतीय विदेश मंत्री सुषमा ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं है और हो भी नहीं सकती है। 57 सदस्यीय इस्लामिक समूह की बैठक में सुषमा ने यहां तक कहा कि इस्लाम का मतलब अमन है और अल्लाह के 99 नामों में एक भी नाम हिंसा नहीं है। 

ये भी पढ़ेंः पाक का भारत पर हमले का दावा, भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के F-16 लड़ाकू विमान को POK में किया ढेर, सभी पायलट 2 मिनट के अलर्ट पर

कहा कि अल्लाह का मतलब शांति है। इसी तरह दुनिया के बाकी सभी धर्म भी शांति, प्यार और भाईचारे का संदेश देते हैं। कहा कि भारत में सभी धर्म के लोग रहते हैं और भारत सभी का सम्मान करता है। उन्होंने कहा कि यह न्योता भारत के लिए सम्मान की बात है।

भारत ने हमेशा बहुलवाद को किया अंगीकार

सुषमा ने कहा कि भारत महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहा और वह महात्मा गांधी की जन्मभूमि से हैं जहां हर प्रार्थना शांति के लिए होती है। सुषमा ने कहा कि भारत ने हमेशा बहुलवाद को अंगीकार किया है जोकि संस्कृत के सबसे पुराने धार्मिक ग्रन्थ “ऋग्वेद” में समाहित है।

ये भी पढ़ेंः मिस्र बना फीमेल वियाग्रा को मंजूरी देने वाला पहला अरब देश, बढ़ते तलाक के ग्राफ के बीच सरकार ने लिया बड़ा फैसला

यह भी कहा है कि ‘एकम सत विप्रा बहुधा वदंति’, इसका मतलब है कि भगवान एक है और इसे लोगों ने अलग-अलग तरह से परिभाषित किया है। कहा कि भारत और खाड़ी देशों में अच्छे संबंध हैं, इराक और फिलिस्तीन से भी हमारे अच्छे संबंध हैं। खास बात यह रही कि ओआईसी का  संस्थापक सदस्य पाकिस्तान ही इसमें शामिल नहीं हुआ क्योंकि पाकिस्तान ने भारत के इस कार्यक्रम में आने का विरोध किया था। कहा था कि अगर भारत इसमें हिस्सा लेगा तो वह शामिल नहीं होगा। इसलिए पाकिस्तान की कुर्सी खाली रही।