समरनीति न्यूज, बांदाः कोरोना महामारी फैलने के बाद लाॅकडाउन के चलते विद्यालय बंद कर दिए गए थे। वहीं गर्मी का अवकाश भी हो गया था। इसकी वजह से बच्चों को एमडीएम नहीं मिल पाया। बच्चों की सेहत को ध्यान में रखते हुए शासन ने एमडीएम के बदले गेहूं और चावल देने का निर्णय लिया है। इतना ही नहीं बच्चों को पौष्टिक आहार के लिए अभिभावक के खाते में 561 रुपए भी भेजे जाएंगे।
लाॅकडाउन में स्कूल बंद होने पर नहीं मिला था एमडीएम
राजकीय इंटर कालेज के मिड-डे-मील प्रभारी शिक्षक अशोक कुमार साहू ने बताया कि कोविड-19 में लाॅकडाउन होने के कारण विद्यालय बंद कर दिए गए थे। इसके बाद गर्मी का अवकाश भी हो गया था। इसके चलते बच्चों को मिड-डे-मील नहीं दिया जा सका।
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बताया कि शासन की गाइड लाइन के आधार पर कक्षा 6, 7 व 8 के प्रत्येक छात्र को 3 किलो 800 ग्राम गेहूं और 7 किलो 600 ग्राम चावल वितरित किया जा रहा है। इतना ही नहीं बच्चों के पौष्टिक आहार के लिए अभिभावक के खाते में 561 रुपए भेजे जाएंगे।
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