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ब्रेकिंग : बांदा विद्युत विभाग में करोड़ों का घोटाला, आयुक्त की कार्रवाई से मचा हड़कंप

Be careful 8 people who spread dirt in Banda fined commissioner again appealed
आयुक्त दिनेश कुमार सिंह।

मनोज सिंह शुमाली, बांदा : बुंदेलखंड के लिए सरकारें परियोजनाएं चलाती रहीं हैं। मगर अधिकारियों के घोटालेबाजी के कारण परियोजनाओं दम तोड़ती रहीं। यही वजह है कि आज भी यह क्षेत्र विकास से कोसों दूर है। अब बिजली विभाग के अधिकारियों के करोड़ों के घपले का ऐसा ही मामला सामने आया है। पिछले 13 साल में विद्युत विभाग के अधिकारी दो परियोजनाओं का करीब 6 करोड़ रुपए डकार गए। मामला बेहद चौंकाने वाला है। मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब चित्रकूटधाम मंडल के आयुक्त दिनेश कुमार सिंह परियोजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। आयुक्त ने सख्त रुख अपनाते हुए दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त दंडनात्मक कार्रवाई की संस्तुति की है। आयुक्त की कार्रवाई से बिजली विभाग के अधिकारियों की नींद उड़ गई है। विभाग में खलबली मची हुई है। माना जा रहा है कि इस मामले में बड़ी कार्रवाई हो सकती है।

करोड़ों की रकम डकार गए विद्युत अधिकारी, काम धेले का नहीं

दरअसल, बांदा-बहराइच हाईवे-76 से जुड़ा है। इस मार्ग पर 312 से 318 किमी के बीच अंडर ग्राउंड विद्युत लाइन की शिफ्टिंग होनी थी। अधिशाषी अभियंता लोक निर्माण विभाग ने वर्ष 2009 में बांदा-बहराइच राज्य मार्ग संख्या 13 किलोमीटर अंडर ग्राउंड विद्युत लाइन की शिफ्टिंग के काम के लिए 1,16,53,654 रुपए और 3,40,43,000 रुपए का बजट बिजली विभाग अधिकारियों को दी।

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फिर 2015 में भी इसी क्रम में कार्य के लिए अधिशाषी अभियंता विद्युत वितरण खंड को उपलब्ध कराया गया। वर्ष 2015 में 1,14,94,000 रुपए अधिशाषी अभियंता विद्युत वितरण खंड बांदा को उपलब्ध कराई थी। ये दो परियोजनाएं आज तक शुरू ही नहीं हुईं।

13 साल बाद भी काम नहीं, दो परियोजनाओं को लगाया बच्चा

अब विद्युत विभाग के अधिकारियों की लापरवाही देखिए। आज 13 साल बाद भी विद्युत के अधिकारी, सरकारी बजट के बारे में बोलने को तैयार नहीं हैं।

काम एक कदम भी नहीं हुआ। पोल आज भी खड़े हैं, विद्युत करण अंडर ग्राउंड हुआ नहीं। सवाल उठता है कि आखिर करोड़ों रुपए कहां गए।

शहर के मुख्य चौराहे से लेकर आगे तक विकास कार्य हुए ठप

अब अंडर ग्राउंड विद्युतीकरण न होने के कारण शहर के मुख्य चौराहे महाराणा प्रताप चौराहे के सुंदरीकरण का काम रुका पड़ा है। बताते हैं कि कुछ दिन पहले बांदा के जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने विद्युत अधिकारियों के साथ बैठक की। मामले में जवाब-तलब किया। डांटा और कार्रवाई की चेतावनी दी।

आयुक्त के संज्ञान में मामला आने के बाद घोटाले से उठा पर्दा

मामला आयुक्त दिनेश कुमार सिंह के संज्ञान में पहुंचा, उन्होंने पीडब्लूडी से लेकर विद्युत विभाग के अधिकारियों की क्लास ली। सारी हकीकत जानी। सबकुछ समझने के बाद विद्युत विभाग के अधिकारियों की घोर लापरवाही और कर्तव्यहीनता पर सख्त रुख अपनाया।

आयुक्त श्री सिंह ने शासन को विद्युत विभाग के दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति करते हुए पत्र लिखा है।

इन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की हुई है संस्तुति

दोषी अधिकारियों में अवर अभियंता, सहायक अभियंता, अधिशाषी अभियंता, अधीक्षण अभियंता तथा मुख्य अभियंता विद्युत वितरण मंडल (बांदा) के खिलाफ सख्त दंडनात्मक कार्रवाई करने की संस्तुति की गई है। साथ ही सरकारी रकम की वसूली इन अधिकारियों के वेतन से करने की भी सिफारिश की गई है।

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