मनोज सिंह शुमाली, ब्यूरो : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टारलेंस की नीति जारी है। इसी क्रम में ‘समरनीति न्यूज’ की खबरों का बड़ा असर देखने को मिला है। सीएम योगी के आदेशों पर बांदा के खान अधिकारी को शासकीय कार्यों के प्रति उदासीनता बरतने एवं पदीय दायित्वों का निर्वहन ठीक से न करने पर निलंबित कर दिया है। बताते चलें कि बांदा में अवैध खनन को लेकर काफी शिकायतें हैं। इसके बावजूद कोई लगाम नहीं लग पा रही है।
लगातार अवैध खनन की थीं शिकायतें
बता दें कि इससे पहले निदेशक रोशन जैकब ने बांदा में निर्धारित सीमा से बाहर मरौली खदान पर अवैध खनन और दूसरे क्षेत्रों में ऐसी गड़बड़ी की पुष्टि पर बांदा के खनिज अधिकारी सौरभ गुप्ता के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की थी।
#UPCM @myogiadityanath ने शासकीय कार्यों के प्रति उदासीनता बरतने एवं पदीय दायित्वों का निर्वहन ठीक ढंग से न करने पर खान अधिकारी, बांदा को निलंबित करने के आदेश दिए हैं। @UPGovt@spgoyal@navneetsehgal3@sanjaychapps1 pic.twitter.com/yvOkQtetJv
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) June 9, 2022
पहले हुए थे लखनऊ संबद्ध
खनिज अधिकारी को पहले लखनऊ संबद्ध किया गया था। आज शाम होते-होते खबर आई की उन्हें निलंबित कर दिया गया है। इसकी जानकारी खुद मुख्यमंत्री आफिस ने ट्वीट करते हुए दी।
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उधर, सपा नेताओं के संरक्षण में चलने वाली मरौली खदान पर भी इस खबर के आने से हड़कंप मचा हुआ है। अवैध खनन फिलहाल बंद है। खनन की रफ्तार भी थोड़ी धीमी हो गई है। शासन का डर बालू माफियाओं में देखा जा रहा है।
इसलिए बढ़ता दुस्साहस
दरअसल, जिले के खनिज विभाग के अधिकारी और कर्मचारी बालू माफियाओं के आगे व्यक्तिगत स्वार्थ के चलते नतमस्तक नजर आते हैं। यही वजह है कि बालू का धंधा करने वालों का दुस्साहस बढ़ता जाता है। हालांकि, लखनऊ से होने वाली जांचों में अक्सर गड़बड़ियां और एनजीटी के नियमों की धज्जियां उड़ती पकड़ी जाती हैं। इसके बाद कार्रवाई से पूरे बुंदेलखंड में हड़कंप मचता है।
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