समरनीति न्यूज, कानपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार जीवन रक्षक दवाओं के आम लोगों तक कम से कम मूल्य में पहुंचने और इनके अधिकतम मूल्यों को नियंत्रित करने की दिशा में कई अहम कदम उठा रही है। इसी विषय पर कानपुर में केंद्र सरकार के एनपीपीए और यूपी सरकार के एफएसडीए तथा कानपुर दवा व्यापारियों की संस्था दि फुटकर दवा व्यापार मंडल/दवा व्यापार मंडल (थोक) के सदस्यों ने संयुक्त रूप से सेमिनार का आयोजन किया।
अतिथियों ने सरकार के प्रयासों पर डाला प्रकाश
इस सेमिनार में अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में विधायक महेश त्रिवेदी, मुख्य अतिथि एके. जैन मौजूद रहे। विशिष्ट अतिथियों में ब्रजेश यादव, संदेश मौर्या, पियूष शर्मा मौजूद रहे।
इसके अलावा उत्तर प्रदेश की प्रोजेक्ट को-आर्डिनेटर श्रीमति प्रियंका मिश्रा, सदस्य विवेक पांडे और विमल पांडे आदि भी मौजूद रहे। इस मौके पर अतिविशिष्ट अतिथि श्री द्विवेदी ने सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों पर प्रकाश डाला। अन्य अतिथियों ने भी जानकारी दी।
संजय मेहरोत्रा ने कहा वर्तमान में 886 दवाओं का मूल्य निर्धारण
द फुटकर दवा व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय मेहरोत्रा ने बताया कि 1997 में जहां 74 दवाओं के मूल्य का निर्धारण था। वहीं वर्तमान में 886 दवाओं तथा उपकरणों का मूल्य निर्धारण हो चुका है।
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श्री मेहरोत्रा ने बताया कि एनपीपीए ने सुगर, ह्रदय रोग, एड्स, कोविड दवाएं, स्टंट तथा घुटना प्रत्यारोपण की दवाओं का अधिकतम मूल्य निर्धारित किया हुआ है। दवा व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजेंद्र सैनी ने बताया कि पीएमएरयू का गठन किया जा चुका है। देश में 22 राज्यों में इसका गठन हुआ है। इस मौके पर नंद किशोर ओझा, प्रवीन बाजपेई, सुमित पात्रा, संजय अवस्थी, अरविंद नागपाल, नीरज शुक्ला, इरफान, शेषनारायण तिवारी, राजीव बोहरा, कंपल नयि आहूजा, हरविंदर सिंह भल्ला, रोहित टंडन आदि मौजूद रहे।
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