समरनीति न्यूज, बांदा : गौवंश की देखभाल और पराली जलाने की घटनाओं को लेकर बांदा के जिलाधिकारी आनंद कुमार सिंह बेहद गंभीर हैं। दोनों खास मुद्दों को लेकर जिलाधिकारी ने आज अधिकारियों के साथ बैठक की। अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की। जिलाधिकारी ने साफतौर पर कहा कि ठंड के मौसम में अगर गौवंश खुले में भूखे-प्यासे भटकते मिले या पराली खरीद में लापरवाही मिली तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों को 3 दिन का अल्टीमेटम भी दिया गया। जिले के सभी बीडीओ को जिम्मेदारी सौंपी गई है कि अपने-अपने क्षेत्र में स्थित गौशालाओं का निरीक्षण करें।
चारे से लेकर टीन-शेड और पानी की व्यवस्था करें
वहां चारे से लेकर पानी और टेंट या टीनशेड की व्यवस्था देखें। अगर नहीं हैं तो व्यवस्था कराएं। जिलाधिकारी ने कहा कि इसके बावजूद कहीं खुले में गौवंश भटकते मिले तो इसकी जवाबदेही बीडीओ की होगी। अगले 3 दिनों के भीतर सभी गौशालाओं का निरीक्षण करते हुए प्रशासन को रिपोर्ट करने के निर्देश दिए गए हैं।
सभी बीडीओ करेंगे 10 से 15 कुंटल पराली खरीद
पराली खरीद को लेकर डीएम ने निर्देश दिए हैं। सभी खंड विकास अधिकारी 10 से 15 हजार कुंटल पराली खरीददारी करे। साथ ही गौवंशों के लिए चारे की व्यवस्था कराए। जिलाधिकारी ने साफ कर दिया है कि इनमें से किसी भी मामले की अनदेखी करने वाले अधिकारी कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
प्रदूषण रोकने के लिए हार्वेस्टर सूची थानों को
जिलाधिकारी ने उप निदेशक कृषि रामकुमार माथुर को निर्देश दिए हैं कि जिले में 10 कंबाइंड हार्वेस्टर की सूची सभी थानों के प्रभारियों को दी जाए। ताकि कोई कृषक कंबाइंड हार्वेस्टर, बिना सूपर एसएमएस अथवा फसल अवशेष प्रबंधन के यंत्रों को उपयोग में लाये बगैर फसलों की कटाई करता दिखाई दे तो मशीन को तत्काल सीज किया जा सके।
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हार्वेस्टर मालिक के खिलाफ प्रदूषण फैलाने की भी कार्रवाई की जाए। इस बैठक में जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी से गौवंश संरक्षण न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जानकारी मांगी। उनको बताया गया कि 89 हजार पेनाल्टी लगाई है। साथ ही 22 हजार कुंटल पराली खरीद कर अलग-अलग गौआश्रय स्थलों पर भेजा जा चुका है।
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