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Tag: Lok Sabha seat

जानिए, अपनी लोकसभा सीट सीतापुर और उसका राजनीतिक इतिहास

जानिए, अपनी लोकसभा सीट सीतापुर और उसका राजनीतिक इतिहास

Breaking News, Today's Top four News, उत्तर प्रदेश, लखनऊ, लोकसभा चुनाव -2019, सीतापुर
प्रीति सिंह, पॅालिटिकल डेस्क, लखनऊः सारायण नदी के किनारे बसा सीतापुर, सीतापुर जिले का नगर पालिका बोर्ड है। ब्रिटिश राज में सीतापुर ब्रिटिश सेना की छावनी हुआ करता था। सीतापुर की पृष्ठभूमि पौराणिक और ऐतिहासिक दोनों है, और इसी वजह से सीतापुर प्रसिद्ध है। वैसे तो इसके नाम के पीछे के रहस्य का कोई पुख्ता सबूत नहीं है पर कहते हैं की इसका नाम भगवान राम की पत्नी सीता के नाम पर पड़ा था। भगवान राम और देवी सीता अपनी तीर्थ यात्रा के दौरान यहां आ कर रुके थे। इसके बाद राजा विक्रमादित्य ने इस शहर का नाम देवी सीता के नाम पर सीतापुर रख दिया। आबादी/शिक्षा की पूरी स्थिति   सीतापुर जिला 5,743 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। 2011 की जनगणना के अनुसार यहां की कुल जनसंख्या 4,483,992 है। इसमें से 2,375,264 पुरुष और 2,108,728 महिलाएं हैं। यहां प्रति 1000 पुरुषों पर 888 महिलाएं हैं। सीतापुर की औसत साक्षरता दर 61.12 ...
‘टिकट नहीं तो दल नहीं’ की राजनीति में माहिर ‘बीड़ी किंग’ श्यामाचरण के पास न उपलब्धियां- न जनाधार, मात्र गठबंधन ही सहारा

‘टिकट नहीं तो दल नहीं’ की राजनीति में माहिर ‘बीड़ी किंग’ श्यामाचरण के पास न उपलब्धियां- न जनाधार, मात्र गठबंधन ही सहारा

Breaking News, Feature, Today's Top four News, Uncategorized, उत्तर प्रदेश, चित्रकूट, बांदा, बुंदेलखंड, लखनऊ, लोकसभा चुनाव -2019
मनोज सिंह शुमाली, पॉलीटिकल डेस्कः बांदा लोकसभा संसदीय क्षेत्र में चुनावी बिसात बिछ चुकी है। सभी प्रत्याशी मैदान में हैं। अपने-अपने मुद्दों के साथ सभी मतदाताओं को रिझाने में लगे हुए है। यहां भाजपा, गठबंधन और कांग्रेस के बीच लड़ाई है। दरअसल, बांदा से चुनाव लड़ रहे सपा प्रत्याशी श्यामा चरण गुप्ता पहले भाजपा में थे और प्रयागराज से 2014 चुनाव लड़े थे। इतना ही नहीं भारी मतों से विजयी भी हुए थे लेकिन उनकी जीत खुद की नहीं बल्कि मोदी लहर की बदौलत मानी जाती है। कांटों भरी जीत की राह में कई संकट    अब बांदा की बात करें तो यहां चुनाव किसी के लिए आसान नहीं है। सपा-बसपा गठबंधन के हौसले बुलंद है और वह कैराना नीति पर चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन चुनाव में विजय पताका फहराना आसान नहीं है। दरअसल, भाजपा के उम्मीदवार श्यामा चरण गुप्ता के सामने कई संकट हैं। पहली बात तो यह है कि वह बीजेपी छोड़कर सपा ...
जानिए बुंदेलखंड और जानिए अपनी लोकसभा सीट बांदा को..

जानिए बुंदेलखंड और जानिए अपनी लोकसभा सीट बांदा को..

Breaking News, चित्रकूट, बांदा, बुंदेलखंड, लोकसभा चुनाव -2019
मनोज सिंह शुमाली, पॉलीटिकल डेस्कः बुंदेलखंड भारत के मध्य का भाग है, जो उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश में पड़ता है। इसका विस्तृत इतिहास है। उत्तर प्रदेश के सात जिलों चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, झांसी और ललितपुर का भू-भाग बुंदेलखंड कहलाता है। लगभग 29 हजार वर्ग किलोमीटर में फैले इस इलाके में कुल 24 तहसीलें, 47 ब्लाक और जनसंख्या लगभग एक करोड़ है। हालांकि राजनीतिक स्तर पर जिस पृथक राज्य की परिकल्पना है उसमें तेइस जिले हैं जिनमें मप्र के भिंड, मुरैना, शिवपुरी, गुना, विदिशा, रायसेन, नरसिंहपुर, सागर, दमोह, ग्वालियर, दतिया, जबलपुर, टीकमगढ़, भिंड, छतरपुर, पन्ना और सतना भी शामिल हैं। चुनावों में महत्वपूर्ण हो जाता बुंदेलखंड  बुंदेलखंड चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शायद इसीलिए चुनाव करीब आते ही यहां राजनीतिक दलों की आवाजाही बढ़ जाती है। इस क्षेत्र के साथ सबसे बड़ी विडंबना है कि...
जानिए अपनी लोकसभा सीट कानपुर (नगर) और इससे जुड़ीं खास बातेें..

जानिए अपनी लोकसभा सीट कानपुर (नगर) और इससे जुड़ीं खास बातेें..

Breaking News, Feature, Today's Top four News, उत्तर प्रदेश, कानपुर, लखनऊ, लोकसभा चुनाव -2019
मनोज सिंह शुमाली, पॅालीटिकल डेस्कः उत्तर प्रदेश में गंगा के किनारे बसा औद्योगिक शहर कानपुर देश की हाई प्रोफाइल लोकसभा सीटों में से एक है। इसे 'लेदर सिटी' के नाम से भी जाना जाता है। लखनऊ से 80 किलोमीटर दूर स्थित यह नगर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी के नाम से भी जाना जाता है। नाना राव पेशवा का किला इस शहर की ऐतिहासिकता की गवाही देता है। एक दौर में कपड़ा उद्योग के चलते इसे'पूर्व का मैनचेस्टर' कहा जाता था। वक्त के साथ पहचान खो रहा अपना कानपुर  हालांकि, वक्त और सरकार की उपेक्षा के चलते यह शहर अपनी पहचान खोता चला गया और देश के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हो गया। महाभारत के जमाने में कानपुर 'कर्णपुर' के नाम से जाना जाता था। यूपी के बड़े शहरों में से एक कानपुर अपने आईआईआटी कॉलेज के लिए पूरे देश में अपनी एक अलग पहचान रखता है। यह पूरा क्षेत्र 605 किलोमीटर में फैला हुआ है। कुल मतदाता 1,611,248 महिल...
जानिए बुंदेलखंड और जानिए अपनी झांसी लोकसभा सीट को..

जानिए बुंदेलखंड और जानिए अपनी झांसी लोकसभा सीट को..

Breaking News, Feature, Today's Top four News, उत्तर प्रदेश, झाँसी, बुंदेलखंड, लखनऊ, लोकसभा चुनाव -2019
मनोज सिंह शुमाली, पॅालिटिकल डेस्कः  रानी लक्ष्मी बाई की झांसी अपने गौरवमयी इतिहास के कारण प्रसिद्ध है। वीरता-त्याग और आत्म सम्मान का पर्याय झांसी उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में 46वें नंबर की सीट है। ओरक्षा मंदिर और मेडिकल कॉलेज के लिए झांसी काफी मशहूर है। मध्यप्रदेश की सीमा पर स्थित झांसी उत्तर प्रदेश का महत्वपूर्ण शहर है जो बुंदेलखंड इलाके में आता है। यह शहर पत्थर निर्मित किले के चारों ओर फैला हुआ है। यह किला शहर के बीचों-बीच बंगरा नाम पहाड़ी पर बना हुआ है। 20.7 वर्गमीटिर में फैला झांसी चंदेल राजाओं के अधीन रहा है। रानी लक्ष्मीबाई के अलावा झांसी से कई और महान व्यक्तित्व जुड़े रहे हैं। इनमें चंद्रशेखर आजाद, मैथिलीशरण गुप्त, ध्यानचंद, वृंदावनलाल वर्मा, महाकवी केशवदास और सुबोध मुखर्जी के अलावा तात्याटोपे, ताब झास्वी तथा जलकारी बाई प्रमुख हैं। यहां की आबादी और शिक्षा की स्थिति  यूपी के...
जानिए बुंदेलखंड और जानिए अपनी लोकसभा सीट जालौन को..

जानिए बुंदेलखंड और जानिए अपनी लोकसभा सीट जालौन को..

Breaking News, Feature, Today's Top four News, उत्तर प्रदेश, उरई, बांदा, बुंदेलखंड, लखनऊ, लोकसभा चुनाव -2019, हमीरपुर
मनोज सिंह शुमाली, पॅालिटिकल डेस्कः जालौन पूर्वी-मध्य भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित है। यह बुंदेलखंड (यूपी) के प्रमुख जिलों में से एक है। यहां उरई, कौंच, कालपी आदि तहसीलें है। इसमें कालपी का विशेष महत्व है। यहां हिन्दू-मुस्लिम धर्मों के अनेक धार्मिक स्थल मौजूद हैं। जालौन के कालपी में नौ रत्नों में एक बीरबल का 1528 में जन्म हुआ था। बीरबल ने कालपी में अपना महल बनवाया था, जो आज जर्जर हाल में है। जालौन जिले में देशभर में प्रसिद्ध आल्हा उदल के मामा माहिल का एक तालाब भी है जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। जालौन के रामपुर थाने में पांच नदियों- पहुज, बेतवा, यमुना, सिंध, चंबल का संगम होता है। उत्तर में यमुना नदी से है सीमाबद्ध यह एक रमणीय स्थल है। उत्तर में यमुना नदी द्वारा सीमाबद्ध है। बेतवा प्रणाली सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध कराती है। जालौन की फसलों में गेहूं, चना व सरसों शामिल हैं। कालपी...
जानिए हमीरपुर (बुंदेलखंड) लोकसभा सीट का इतिहास और वर्तमान..

जानिए हमीरपुर (बुंदेलखंड) लोकसभा सीट का इतिहास और वर्तमान..

Breaking News, Feature, Today's Top four News, उत्तर प्रदेश, बांदा, बुंदेलखंड, महोबा, लखनऊ, लोकसभा चुनाव -2019, हमीरपुर
मनोज सिंह शुमाली, पॅालिटिकल डेस्कः हमीरपुर जिला चित्रकूटधाम बांदा मंडल का हिस्सा है। यह जिला  बुन्देलखंड के अंतर्गत आता है। यह 4,121 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। हमीरपुर वर्तमान में यूपी का 34वां जिला है, जिसे पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि के तहत फंड मिलता है। जिले का मुख्यालय हमीरपुर है। यह शहर यमुना तथा बेतवा नदियों के संगम पर बसा है। यह कानपुर के दक्षिण में लगभग 68 किमी की दूरी पर स्थित है। इस जिले में 4 तहसीलें हमीरपुर, मौदहा, राठ और सरीला हैं। यहां की आबादी/शिक्षा की स्थिति  हमीरपुर की आबादी का 91.46 प्रतिशत हिस्सा हिन्दू धर्म जबकि 8.26 प्रतिशत हिस्सा मुस्लिम धर्म में आस्था रखता है। हमीरपुर निर्वाचन क्षेत्र 1967 में अस्तित्व में आया था, भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के समय में भी इस जगह भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है, हमीरपुर में प्रति 1000 पुरुषों पर 876 महिलाएं हैं। हमीरपुर की साक्षरता दर ...
उन्नाव के सियासी रण में साक्षी और अन्नू के बीच होगा आर-पार का मुकाबला, लेकिन गठबंधन अभी बाकी है..

उन्नाव के सियासी रण में साक्षी और अन्नू के बीच होगा आर-पार का मुकाबला, लेकिन गठबंधन अभी बाकी है..

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मनोज सिंह शुमाली, पालिटिकल डेस्कः पिछले दिनों उन्नाव लोकसभा सीट चर्चा में थी। चर्चा का कारण भाजपा नेता साक्षी महाराज का एक हुआ वायरल पत्र था। उन्होंने टिकट मांगा था और उसके लिए कई वजह भी गिनाईं थीं। फिलहाल बीजेपी ने उन्हें टिकट दे दिया है। कांग्रेस ने भी अनु टंडन को मैदान में उतार दिया है। अब उन्नाव की चर्चा सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी को लेकर है। गठबंधन ने अपने प्रत्याशी की घोषण अब तक नहीं की है, जबकि उन्नाव में चुनावी बिसात पर सारे मोहरे चाल चलने के लिए तैयार हैं। कभी कांग्रेस का गढ़ था उन्नाव लोकसभा सीट  जानकार बताते हैं कि एक दौर में सियासी तौर पर उन्नाव कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था लेकिन समय के साथ जनता ने अन्य पार्टियों को भी अपनी कसौटी पर परखा। फिलहाल 2019 लोकसभा चुनाव में उन्नाव की जनता किसे अपना सांसद चुनेगी यह तो 23 मई को प...
लोकसभा बदायूंः दो बार हार के बावजूद बीजेपी का फिर संघमित्रा पर दांव…

लोकसभा बदायूंः दो बार हार के बावजूद बीजेपी का फिर संघमित्रा पर दांव…

Breaking News, Today's Top four News, उत्तर प्रदेश, लखनऊ, लोकसभा चुनाव -2019
समरनीति न्यूज, पॉलिटिकल डेस्कः पश्चिमी उत्तर प्रदेश का बदायूं लोकसभा क्षेत्र समाजवादी पार्टी का गढ़ है। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के भतीजे धर्मेंद्र यादव अभी यहां से सांसद हैं। वह लगातार दो बार यहां से चुनाव जीत चुके हैं। पिछले 6 लोकसभा चुनाव से समाजवादी पार्टी इस सीट पर अजेय है। इस बार बीजेपी ने यहां से धर्मेंद्र यादव को चुनौती पेश करने के लिए संघमित्रा मौर्य को मैदान में उतारा है। संघमित्रा, धर्मेंद्र यादव को कितना टक्कर दे पायेंगी यह चुनाव बाद पता चलेगा लेकिन सपा के गढ़ में बीजेपी के लिए चुनौती पेश कर आसान नहीं होगा क्योंकि बसपा का भी साथ सपा के साथ है। बदायूं में 1952 में पहला लोकसभा चुनाव हुआ था। 1952 में हुआ था पहला लोकसभा चुनाव  शुरुआती दौर में कांग्रेस का मिला जुला असर था। 1996 से समाजवादी पार्टी ने यहां पहली बार चुनाव जीता। इसके बाद से यहां सपा का एक छत्र राज है। 2009 में...
लोकसभा अमेठीः पारंपरिक सीट पर ‘बहूरानी’ के चक्रव्यूह में राहुल, तो दांव पर मोदी की प्रतिष्ठा

लोकसभा अमेठीः पारंपरिक सीट पर ‘बहूरानी’ के चक्रव्यूह में राहुल, तो दांव पर मोदी की प्रतिष्ठा

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प्रीति सिंह, पॉलीटिकल डेस्कः  भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशियों की लिस्ट आने के बाद पूरे देश में चुनावी सरगर्मी बढ़ गई है। चूंकि मैदान में प्रत्याशी आ गए है तो कई जगह कांटे की टक्कर होती दिख रही है। प्रधानमंत्री मोदी एक बार फिर बनारस से ताल ठोकेंगे तो वहीं अमेठी से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को स्मृतिइरानी टक्कर देंगी। भारतीय जनता पार्टी ने कल अपने 184 प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की थी। इस लिस्ट में उत्तर प्रदेश के 28 सीटों के भी प्रत्याशियों का नाम थे। इसमें कुछ सीटों पर कांटे की टक्कर होने वाली है तो कुछ सीटों पर कोई खास मुकाबला नहीं दिख रहा। स्मृति ही नहीं मोदी भी रहे हैं अमेठी को लेकर सक्रिय   जहां तक अमेठी लोकसभा सीट की बात है तो राहुल के लिए इस पारंपरिक एवं पारिवारिक सीट को बचाना चुनौतीपूर्ण है क्योंकि मोदी लहर वाले 2014 के चुनाव में भी राहुल से हार का दर्द लिए क्षेत्र में लगातार...