
समरनीति न्यूज, बांदा: बांदा में बालू का अवैध खनन थमने का नाम नहीं ले रहा। जिला प्रसाशन की लगातार कार्रवाई के बावजूद बालू कारोबारी निमयों को ताक पर रखकर अवैध खनन कर रहे हैं। बीते दिनों मरौली में अवैध खनन का मामला जोरशोर से उछला था। बात सिर्फ मरौली की नहीं, बल्कि सूत्रों की माने तो पथरी, खप्टिहाकला, चिल्ला और गंछा खदानों में अवैध खनन चालू है।
10 दिनों में कई कार्रवाई, फिर भी..
प्रशासन ने खदानों पर छापे मारकर जुर्माने भी लगा रहा है, लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर कार्रवाई के बावजूद अवैध खनन रुक क्यों नहीं रहा। ऐसा क्या है कि अगले छापे में फिर अवैध खनन पकड़ा जाता है। जिला प्रशासन ने कुछ खदानों पर अवैध खनन पकड़े जाने पर जुर्माने की कार्रवाई की है। प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार
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बांदा तहसील में मरौलीखादर खदान में प्रशासन, पुलिस और खनिज की टीम ने छापा मारकर अवैध खनन पकड़ा। पट्टाधारक पर 20 लाख 96 हजार 800 रुपए का जुर्माना लगाया। इस खदान का पट्टा प्रशांत गुप्ता निवासी गांधीनगर, महोबा के नाम है। 24 नवंबर को छापे में
पथरी खदान पर छापे में मिला अवैध खनन
पथरी खदान में भी अवैध खनन पकड़ा गया। इस खदान का पट्टा छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के रवीश गंबर के नाम स्वीकृत है।प्रशासन ने पट्टाधारक पर 19 लाख 49 हजार 850 रुपए जुर्माना लगाया है। इसी तरह मरौली खादर खंड-5 खदान पर
प्रशासन, खनिज और पुलिस अधिकारियों ने बीते दिनों छापा मारकर अवैध खनन पकड़ा। इस खदान का पट्टा कानपुर के संजीव गुप्ता के नाम स्वीकृत है। प्रशासन ने पट्टाधारक पर 26 लाख 92 हजार 575 रुपए का जुर्माना लगाया।
ऊंठ के मुंह में जीरा साबित हो रही कार्रवाई
इसके अलावा प्रशासन का दावा है कि टास्क फोर्स ने ओवरलोडिंग में 32 वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की है। चौंकाने वाली बात यह है कि प्रशासन की इतनी कार्रवाई के बावजूद खदानों पर अवैध खनन जारी है। ओवरलोडिंग चल रही है। सूत्रों की माने तो इन कार्रवाइयों के बाद अवैध खनन ने और ज्यादा रफ्तार पकड़ ली है। ऐसे में प्रशासन की कार्रवाई ऊंठ के मुंह में जीरा साबित हो रही है।
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