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बांदा: क्या STF करेगी MP के ओवलोडिंग सिंडीकेट के खिलाफ भी कार्रवाई?

Illegal entry of MP's sand syndicate trucks in UP government strictness failed in front of Bansal's management
फाइल फोटो।

समरनीति न्यूज, बांदा: यूपी एसटीएफ की ओवरलोडिंग के खिलाफ कार्रवाई से पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा हुआ है। मगर बुंदेलखंड के बांदा में अबतक कार्रवाई की सुगबुगाहट नहीं सुनाई दी है। आरटीओ विभाग के अधिकारी छुट्टियां लेकर भाग रहे हैं। वहीं ओवरलोडिंग सिंडिकेट के माफिया भूमिगत हो रहे हैं।

बांदा-बुंदेलखंड में फैला MP के ओवरलोडिंग सिंडीकेट का मकड़जाल

सवाल उठ रहे हैं बुंदेलखंड के बांदा समेत अन्य जिलों में फैला मध्यप्रदेश के ओवरलोडिंग सिंडीकेट के मकड़जाल पर एसटीएफ कार्रवाई कब करेगी? हालांकि माना जा रहा है कि सिंडीकेट की जल्द ही कमर तोड़ने के काम यूपी एसटीएफ कर सकती है, क्योंकि कार्रवाई अभी जारी है।

नेताओं का संरक्षण, RTO व खनिज अधिकारियों की मिलीभगत

Overloading fast in Banda, RTO office officials big game in name of entry fee

सूत्रों की माने तो जल्द ही मध्य प्रदेश के ओवरलोडिंग के सिंडीकेट के गुर्गों की पहचान कर उनपर लगाम कसी जाएगी। सूत्र बताते हैं कि मध्य प्रदेश के सिंडिकेट के गुर्गों के नाम-पतों की जांच चल रही है। गुर्गों तक पहुंचकर एसटीएफ इस सिंडीकेट का सफाया कर सकती है।

गिरवां-मटौंध व आसपास के जिलों से ओवरलोड वाहनों की एंट्री!

साथ ही सूत्र तो यहां तक बता रहे हैं कि इसमें शामिल कुछ नेताओं की भी पोल खुल सकती है। दरअसल, मध्यप्रदेश की सीमा से बांदा के गिरवां, कालिंजर, मटौंध थाना क्षेत्रों से रोज बड़ी संख्या में ओवरलोड ट्रकों की एंट्री होती है। कुछ स्थानीय नेताओं और बांदा के आरटीओ विभाग व खनिज विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत रहती है।

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सूत्रों की माने तो मध्यप्रदेश के सिंडीकेट के गुर्गे बांदा मंडल मुख्यालय पर स्थित आरटीओ और खनिज विभाग में गहरी पैठ जमाए हुए हैं।

Administration preparing to take strict action on MP border regarding overloading in Banda
फाइल फोटो।

ASP हो चुके निलंबित-इंस्पेक्टर पर FIR, फिर भी सिंडीकेट बेलगाम

कुछ ने इन गुर्गों को कुछ नेताओं का भी संरक्षण प्राप्त है। यही वजह है कि इनपर कार्रवाई नहीं हो पाती है।

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मध्यप्रदेश के इस सिंडीकेट की जड़े कितनी गहरी और मजबूत हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पूर्व में बांदा में कोतवाली में एक तत्कालीन इंस्पेक्टर और कई पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा हो चुका है।

एमपी के सिंडीकेट की आरटीओ, खनिज और पुलिस में गहरी जड़े जमीं

वहीं एक तत्कालीन एएसपी निलंबित हो चुके हैं। कई खनिज अधिकारियों पर शासन ने एक्शन लिया है। मगर सिंडीकेट का काम बदस्तूर जारी रहा। आज भी यही हाल है। यही वजह है कि इस बार बांदा में ओवरलोडिंग के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है। ओवरलोडिंग का सबसे बड़ा नुकसान यूपी की सड़कों की बर्बादी के रूप में होता है।

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