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सेहत

सावधानः बराबर मंडरा रहा मलेरिया-डेंगू का खतरा, सामने आई नई रिपोर्ट

सावधानः बराबर मंडरा रहा मलेरिया-डेंगू का खतरा, सामने आई नई रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश, लखनऊ, सेहत
समरनीति न्यूज, लखनऊ डेस्कः बारिश का मौसम है, ज़ाहिर सी बात है कि हर कोई बीमारियों से अलर्ट रहने की चर्चा कर रहा होगा। बावजूद इसके कि कोई सख्‍त कदम भी उठाए। यहां ये भी याद दिला दें कि बरसात के मौसम में डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों की रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने भी कई पुख्ता इंतजाम के दावे किए थे, लेकिन इसके बावजूद करीब 15 परसेंट जगहों पर लगाई गई जांच टीम को डेंगू व मलेरिया का लार्वा मिलने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। उठाया था सख्‍त कदम  बता दें कि ये हाल तब है जब खतरनाक बीमारियों को फैलने से रोकने के लिए विभाग ने सीजन के पहले से ही जागरूकता कार्यक्रम शुरू कर दिए थे। जागरूकता अभियान की शुरुआत में स्वास्थ्य विभाग ने लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए सख्त कदम उठाया था। इसके तहत विभाग ने किसी भी स्कूल, घर या ऑफिस में तीसरी बार मलेरिया, डेंगू का लार्वा पाए...
‘भाप’ यानी बड़ी-बड़ी बीमारियों का एक बेहद कारगर इलाज

‘भाप’ यानी बड़ी-बड़ी बीमारियों का एक बेहद कारगर इलाज

Today's Top four News, सेहत
समरनीति न्यूज, सेहतः सर्दी, खांसी या जुकाम होने पर हमने कई बार अपने बड़ों से सुना होगा घर में भाप यानी स्‍टीम लेने को। वहीं जानने वाली बात ये है कि भाप लेना सिर्फ सर्दी, जुकाम ही नहीं बल्‍कि और भी कई बड़ी दिक्‍कतों में रामबाण इलाज है। अर्थराइटिस, जोड़ों के दर्द, सूजन, कमर व गर्दन में दर्द, दमा, पुरानी खांसी (ब्रोनकाइटिस) जैसी दिक्‍कतों में भी नैचुरोपैथ और ऐलोपैथ दोनों के तहत डॉक्‍टर्स भाप लेने की सलाह देते हैं। कई बड़ी बीमारियों में बड़ी राहत देती है   हां, दोनों का तरीका ज़रा अलग होता है। ये निर्भर करता है कि आप कौन से तरीके को अपनाना चाहेंगे। वैसे आप भी परेशान हैं इनमें से किसी समस्‍या से, तो आइए देखें कैसे आप ले सकते हैं भाप और इन चीजों में आपको रखना होगा किन बातों का ध्‍यान। नैचुरोपैथ है पूरी तरह प्राकृतिक   बात करें अगर नैचु...
नींबू कितना है फायदेमंद, क्या जानते हैं आप!

नींबू कितना है फायदेमंद, क्या जानते हैं आप!

सेहत
लाइफ़स्‍टाइल डेस्‍कः नींबू की गिनती भी फलों में होती है, ये बात तो आप बहुत अच्‍छे से जानते होंगे। अब अगर ये जानते हैं तो ये भी जानते होंगे कि ये जितना स्‍वाद में बेहतरीन है उतना ही आपकी सेहत के लिए लाभदायक भी। खासतौर पर आपकी त्‍वचा और बालों के लिए। वहीं अगर आप भी नींबू का रस निकालने के बाद उसके छिलके को डस्‍टबीन में फेंकने के आदी हैं तो ऐसा करने से पहले एक बार फिर से सोच लें। इसका कारण है कि ये कई चीजों में आपके लिए मददगार साबित हो सकते हैं। इसके छिलके में नींबू से भी 5 से 10 गुना ज्‍यादा विटामिन होता है, जो कई बड़ी बीमारियों और मुश्‍किलों में दवा का काम करता है। आइए जानें किन चीजों में ये आपको पहुंचाता है फायदा। ये हैं नींबे के बेहद कारगर फायदे, जो बदल देंगे आपकी लाइफ  नींबू के छिलकों में कई तरह के विटामिन, मिनरल्‍...
देखते ही देखते शरीर से कम हो रही प्रोटीन, जरा आप भी दें ध्यान

देखते ही देखते शरीर से कम हो रही प्रोटीन, जरा आप भी दें ध्यान

Today's Top four News, सेहत
समरनीति, सेहतः प्रोटीन की कमी इन दिनों एक महामारी की तरह भारतीयों को जकड़ती जा रही है। लोग कैल्‍शियम और आयरन की कमी की तरह बच्‍चों और बड़ों दोनों में प्रोटीन की इस कमी को भी सीरियसली नहीं लेते। ऐसे में इससे बढ़ती समस्‍याएं समय के साथ साथ अपने पांव पसारती जा रही है। इसके बावजूद लोग इसको नजरअंदाज कर रहे हैं। एक्‍सपर्ट्स के मुताबिक इसपर तुरंत ध्‍यान देने की बहुत सख्‍त जरूरत है। ऐसा बताया गया है कारण  वैसे गौर करें तो इसके पीछे कारण बताया गया है कि भारत की शहरी आबादी के 73 प्रतिशत खानपान में प्रोटीन की कमी है। इनमें से 93 प्रतिशत लोग आदर्श प्रोटीन की जरूरतों के प्रति अनजान हैं। करीब एक तिहाई भारतीय ही इस बात को जानते और मानते हैं कि प्रोटीन की कमी से ही वह बड़ी संख्‍या में कमजोरी और थकान के शिकार हो रहे हैं। हाल ही में इसको लेकर छह शहर...
पॉलिथीन दे रही कैंसर, शुगर और हार्ट अटैक जैसे घातक रोग को बढ़ावा

पॉलिथीन दे रही कैंसर, शुगर और हार्ट अटैक जैसे घातक रोग को बढ़ावा

उत्तर प्रदेश, कानपुर, सेहत
समरनीति न्यूज, कानपुरः शहर में धरा और मानव शरीर के अंदर तक समा चुकी पॉलिथीन के दुष्प्रभाव अब बीमारियों के रूप में सामने आने लगे हैं. इसमें मौजूद कार्बन और अन्य केमिकल शरीर में प्रवेश कर ब्लड के साथ बॉडी में घूमते रहते हैं, जो आगे चलकर कैंसर का बड़ा कारण बनते हैं. पीने के पानी से लेकर, चाय और अन्य खाद्य पदार्थ पॉलिथीन में पैक करके बेचे जा रहे हैं. एक स्टडी में सामने आया है कि पॉलिथीन में रखा खाद्य पदार्थ और पानी पीने से एंडोक्राइन डिसरेप्टर डिजीज होने से हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं. धरती के अंदर तक पहुंच गई है पालीथिन   पॉलिथीन ने कानपुर की धरती के अंदर भी प्रदूषण फैलाया है. इसके चलते मिट्टी की उर्वरा शक्ति कमजोर हो गई है. इसके अलावा बारिश के मौसम में भी वाटर रिचार्ज नहीं हो पा रहा है. वजह साफ है कि पॉलिथीन मिट्टी के अंदर तक समा चुकी है. इससे पानी को जमीन के अंदर जाने से रोकने में पॉ...
संभलिए ! घर में डेंगू-मलेरिया का लार्वा मिला तो हेल्थ डिपार्टमेंट वसूलेगा जुर्माना

संभलिए ! घर में डेंगू-मलेरिया का लार्वा मिला तो हेल्थ डिपार्टमेंट वसूलेगा जुर्माना

उत्तर प्रदेश, कानपुर, सेहत
समरनीति न्यूज, डेस्कः बरसात का मौसम आते ही डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों ने अपने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं। इनसे लडऩे के लिए स्वास्थ्य विभाग ने संदिग्ध जगहों पर जांच पड़ताल के साथ ही डेंगू, मलेरिया का लार्वा मिलने पर उसे डिस्ट्रॉय करने का काम भी शुरू कर दिया है। इसके  अलावा ये डेंगू और मलेरिया का लार्वा आपकी जेब भी ढीली  कर सकता है। दरअसल, विभाग एक ही जगह पर तीसरी बार लार्वा मिलने पर जिम्मेदार से 500 रुपए का जुर्माना भी वसूल करेगा। ऐसे दी गई जिम्मेदारी , 67 टीमों का गठन   स्वाथ्य विभाग के अधिकारियों की माने तो बरसात के दिनों में जरा सी लापरवाही घातक हो सकती  है। इस मौसम में घर, ऑफिस, स्कूल में  या उसके आसपास जमा पानी में मच्छरों का लार्वा पलता है. इस ओर लोगों का ध्यान दिलाने के लिए 67 टीमों का गठन किया गया है जो नियमित शहर व ग्रामीण इलाकों में निरीक्षण कर रही है। अब तक इतनी ...
प्लेटलेट्स कम होने पर घबराइए नहीं, अब तीन गुना तेजी से होगी बढ़ोत्तरी

प्लेटलेट्स कम होने पर घबराइए नहीं, अब तीन गुना तेजी से होगी बढ़ोत्तरी

Feature, उत्तर प्रदेश, कानपुर, सेहत
समरनीति न्यूज कानपुरः बारिश के साथ बीमारियों का मौसम भी आ गया है। डेंगू, मलेरिया, वायरल बीमारियां थोड़े दिनों में ही जोर पकड़ेंगी ऐसे में प्लेट्लेट्स की डिमांड भी बढ़ेगी। अभी शहर के ब्लड बैंकों में आरडीपी यानी रेंडम डोनर प्लेटलेट्स ही मरीजों को चढ़ाने के लिए मिलते हैं, लेकिन इस सीजन से ज्यादा असरदार एसडीपी यानी सिंगल डोनर प्लेटलेट्स भी मिलेंगे। इसकी खासियत यह है कि इस प्लेटलेट्स की एक यूनिट चढ़ाने से ही मरीज में प्लेटलेट्स काउंट 50 से 60 हजार तक बढ़ जाता है। शहर में अभी बेहद सीमित प्राइवेट संस्थानों में इसकी सुविधा है। नहीं होगा इस बात का खतरा   मरीजों को सामान्य रूप में चढ़ाई जाने वाली रैंडम डोनर प्लेटलेट्स से ब्लड ट्रांसफ्यूजन से होने वाली बीमारियों का खतरा रहता है। कारण है कि क्योंकि प्लेटलेट्स बार बार चढ़ाई जाती है। वहीं सिंगल डोनर प्लेटलेट्स की एक यूनिट में ही पेशेंट की 50 से 60...
बुंदेलखंडः मासूम लाडलों को टारगेट बना रहीं बीमारियां, रहें सतर्क और बरतें सावधानियां 

बुंदेलखंडः मासूम लाडलों को टारगेट बना रहीं बीमारियां, रहें सतर्क और बरतें सावधानियां 

Breaking News, Today's Top four News, बांदा, बुंदेलखंड, सेहत
समरनीति न्यूज, बांदाः बदलते मौसम में चिपचिपाहट और उमस भरी गर्मी में तमाम तरह के संक्रमण सक्रिय हो जाते हैं। ऐसे में बुंदेलखंड में इस समय बच्चों में संक्रामक बीमारियां तेजी से पैर पसार रही हैं। खासकर आपके मासूम लाडलों को बीमारियां ज्यादा आसानी से टारगेट बना लेती हैं। ऐसे में डाक्टर की सलाह है कि अपने बच्चों का ज्यादा ख्याल रखें। खुद सतर्क रहें और सावधानियां भी बरतें। ताकि बीमारियां घर के आसपास न भटक सकें और आपके हंसते-खेलते बच्चों को बीमार न बना सकें। कौन सी बीमारियां किन वजहों से और किन हालातों में आपको परेशान कर सकती हैं और इनको कैसे रोका जा सकता है और बीमार होने पर बच्चों को सबसे पहले कैसे संभाला जाए, क्या घरेलू ट्रीटमेंट दिया जाए। इन्हीं सब मुद्दों को लेकर हमने बांदा के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डाक्टर विक्रम से बातचीत की। आइये जानते हैं उन्होंने बातचीत में बच्चों के पैरेंट्स को क्या ...
संदेह के घेरे में हैलट को ऑक्सीजन सप्लाई देने वाली कंपनियां, प्रशासन कराएगा ऑडिट

संदेह के घेरे में हैलट को ऑक्सीजन सप्लाई देने वाली कंपनियां, प्रशासन कराएगा ऑडिट

Feature, उत्तर प्रदेश, कानपुर, सेहत
समरनीति न्यूज, कानपुरः कानपुर मेडिकल कॉलेज से जुड़ी एक खास और बड़ी खबर सामने आई है। पता चला हैं कि यहां ऑक्‍सीजन सप्लाई करने वाली कंपनियां अब संदेह के घेरे में हैं। ऐसे में अब तक इन्होंने जितनी ऑक्सीजन भी सप्लाई की है। हैलट प्रशासन उसका ऑडिट कराने की तैयारी में जुट गया है। बता दें कि हर साल मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पताल ऑक्सीजन सप्लाई के नाम पर एक करोड़ से ज्यादा रुपये खर्च करते हैं लेकिन अब आरोप है कि ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनियां खपत से ज्यादा सप्लाई दिखा कर पैसा वसूल कर रही हैं। बिल बनाने में किया जाता गड़बड़झाला   बताते चलें कि हैलट व संबद्ध अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई का ठेका पनकी ऑक्सीजन व मुरारी इंडस्ट्रीयल गैसेस के पास है। ऑक्सीजन प्लांटों में बड़े सिलेंडरों के साथ ही मरीजों के लिए छोटे सिलेंडरों की सप्लाई होती है। अभी हैलट व किसी भी संबद्ध अस्पताल में किस सिलेंड...
जापानी इंसेफेलाइटिस से एेप के जरिए जंग लड़ेगा स्वास्थ्य महकमा

जापानी इंसेफेलाइटिस से एेप के जरिए जंग लड़ेगा स्वास्थ्य महकमा

उत्तर प्रदेश, कानपुर, भारत, सेहत
सरमरनीति न्‍यूज, कानपुरः  स्वास्थ्य विभाग की ओर से खबर मिली है कि जल्द ही शहर के लोगों को घर पर जापानी इंसेफेलाइटिस जैसी गंभीर बीमारी के बारे में सबकुछ मालूम पड़ेगा. इसकी जानकारी से लेकर इलाज तक को लेकर स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने एक नई ऐप बनाई है. इस ऐप को नाम दिया है ‘स्टॉप जेई’. क्‍या होगा इस ऐप में, आइए जानें. जैसा कि सुना है कि ः  सीएमओ अशोक शुक्ला, स्वास्थ्य विभाग ने इस ऐप को एक साथ कई जिलों में लॉन्च किया गया है. इसकी मदद से गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीज को देख कर कोई भी व्यक्ति आसानी से अपने एंड्रॉयड फोन से ऐप की मदद से उस मरीज के संबंध में जरूरी जानकारी पा सकेगा. सिर्फ यही नहीं, इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक टीम को उसके पते पर भेजा जाएगा, जो मरीज को प्राथमिक उपचार के साथ दवा भी दिलाएगी. तो मिलेगी एसी भी मदद   इस ऐप का काम यहीं खत्...