समरनीति न्यूज, बांदा : बांदा में परिषदीय स्कूलों की ‘बाल क्रीड़ा प्रतियोगिता 2024-25’ का आयोजन लोगों के बीच चर्चा का विषय बना है। इसकी वजह आयोजन स्थल है। चर्चा इस बात को लेकर कि अपना खुद का मैदान होने के बावजूद शिक्षा विभाग निजी स्कूल क्यों गया। वह भी आधी-अधूरी तैयारियों के साथ। दरअसल, कुछ लोगों का कहना है कि इस प्रतियोगिता के लिए स्कूल का मैदान तैयार ही नहीं था।
मैदान पर बड़ी घास तक नहीं कटवाई
कहा जा रहा है कि खेल का मैदान उबड़-खाबड़ होने के साथ-साथ घास से भरा था। यहां तक कि दौड़ने वाली ट्रैक पर भी बड़ी-बड़ी घास उगी हुई थी। तस्वीरों और वीडियो में साफ दिखाई भी दे रहा है। ऐसी ही ट्रैक पर बच्चों की दौड़ प्रतियोगिताएं कराई गईं। लोग सवाल उठा रहे हैं कि ऐसे में अगर किसी बच्चे को चोट लग जाती तो जिम्मेदारी कौन लेता?
आयोजन के लिए तैयार नहीं था मैदान
आयोजकों को चाहिए था कि स्कूल के मैदान को तैयार करा लेते। यह सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं क्यों कि जिला मुख्यालय पर सरकारी खेल स्टेडियम होने के बावजूद शिक्षा विभाग ने वहां आयोजन नहीं कराया। बल्कि श्रीनाथ बिहार में स्थित एक बड़े सपा नेता के निजी स्कूल में जाकर जिलास्तरीय प्रतियोगिताएं कराईं।
अब लोग चर्चा कर रहे हैं कि खुद का सरकारी स्टेडियम होने के बावजूद ऐसे कौन से कारण रहे कि जिला प्रशासन को अपना मैदान छोड़ निजी स्कूल जाना पड़ा। खुद शिक्षा विभाग के कुछ लोग भी दबी जुबान नाम न छापने की शर्त पर कह रहे हैं कि मैदान पर घास व दूसरी दिक्कतें थीं। सरकारी स्पोर्ट्स स्टेडियम में बड़ा इंडोर और आउट डोर ग्राउंड है, जो बेहतर रहता। ऐसे में अधिकारियों के फैसले पर सवाल उठ रहे हैं। कुछ लोग सवाल उठा रहे हैं कि कहीं इसके पीछे कोई राजनीतिक खिचड़ी तो नहीं पक रही?
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