समरनीति न्यूज, लखनऊ : यूपी बजट सत्र 2023 की चर्चा के दौरान बीते शनिवार को सीएम योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव के बीच बहस हो गई थी। सीएम योगी ने अखिलेश यादव को यहां तक कह डाला था कि तुम्हें शर्म आनी चाहिए, जो पिता का सम्मान तक नहीं कर पाए। मंगलवार को अखिलेश यादव ने बड़े शांत और परिपक्व तरीके से सदन में इसका जवाब दिया। पूर्व सीएम अखिलेश ने बड़ी शालीनता से ऐसे जवाब कि मुख्यमंत्री योगी भी चुपचाप सुनते रहे।
अखिलेश यादव के बयान की हो रही प्रशंसा
दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा इस तरह के विचार और बातें आन द फ्लोर आफ हाउस नहीं आने चाहिए। अखिलेश यादव ने कहा कि किसी के पिता के बारे में बुरा बोला जाएगा, तो स्वभाविक है कि दूसरा भी उनके पिता के बारे में बोलेगा। सपा मुखिया ने कहा कि अगर आप परम्पराओं पर चलना चाहते हैं तो यह परम्परा आपको (सीएम योगी) छोड़नी होगी। आगे कहा कि अगर परम्परा पर बात होगी, तो आपने भी बहुत से रीति-रिवाज को नहीं माना है। ठीक नहीं लगेगा कि मैं भी वो सब कहूं, नेता जी (मुलायम सिंह यादव) ने मुझे ऐसी शिक्षा नहीं दी। अखिलेश यादव के इस बयान की लोगों के बीच काफी तारीफ हो रही है।
किस रीति-रिवाज की बात कर रहे थे अखिलेश
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सदन में सीएम योगी के ‘तुमको शर्म आनी चाहिए’ वाले बयान का रीति-रिवाज से जुड़ा जवाब दिया। हालांकि, वह किस रीति रिवाज की ओर इशारा कर रहे थे, इसे लेकर कहा जा रहा है कि शायद अखिलेश का इशारा कारोना काल में अप्रैल 2020 की ओर था। उस समय सीएम योगी के पिता आनंद सिंह विष्ट का देहांत हुआ था और तब सीएम योगी ने देशभर में लगे लाकडाउन और तमाम जिम्मेदारियों की बात कही थी। सीएम योगी अपने पिता के अंतिम संस्कार में नहीं जा पाए थे। उन्होंने इसे लेकर एक पत्र भी लिखा था। अखिलेश यादव शायद इसी रीति-रिवाज की ओर इशारा कर रहे थे।
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