समरनीति न्यूज, बांदा: एक तरफ सरकार खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। युवा प्रतिभाओं को आगे लाने के लिए सरकार दिल खोलकर बजट दे रही है। वहीं दूसरी ओर अधिकारियों की सुस्ती के चलते इन प्रयासों में रुकावट आ रही है। मंडल मुख्यालय बांदा का स्पोर्ट्स स्टेडियम अधिकारियों की सुस्ती का शिकार हो रहा है।
क्रिकेट की तीनों सीमेंटेड पिच-विकेट डैमेज
फाइलों में फंसा स्टीमेट-खिलाड़ी परेशान
स्टेडियम में क्रिकेट सीखने जाने वाले बच्चों को टूटी-फूटी सीमेंटेड पिच-स्टंप पर प्रैक्टिस करनी पड़ रही है। अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि जब पिच ही टूटी-फूटी है तो खिलाड़ियों की प्रैक्टिस कैसी होगी। दरअसल, स्पोर्ट्स स्टेडियम में कुल 3 सीमेंटेड पिच-विकेट हैं। मौजूदा समय में तीनों ही डैमेज हैं। खिलाड़ियों की प्रैक्टिस नहीं हो पा रही है।
खिलाड़ी बुरी तरह से परेशान हैं। स्टीमेट बनकर जा चुका है, लेकिन अधिकारियों के यहां फाइलें लटकी हुई हैं। बताते हैं कि 2023 में यहां तैनात जिला क्रीडाधिकारी का तबादला हो गया था। इसके बाद से यह पद लगातार खाली है। इसका प्रभार एसडीएम सदर के पास है। प्रभारियों के भरोसे चल रहा स्टेडियम अव्यवस्था का शिकार है।
कई साल से क्रीड़ा अधिकारी पद खाली
क्रिकेट पिच की दुर्दशा के बारे में स्टेडियम के क्रिकेट कोच शिव प्रताप सिंह से बात की गई। कोच श्री सिंह का कहना है कि सीमेंटेड पिच और विकेट बनानेके लिए स्टीमेट लगभग 3 महीने पहले ही जा चुका है। यह मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में है। उम्मीद है कि जल्द ही बनाने का काम शुरू हो जाएगा।
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