हाल-ए-संसदः 83 प्रतिशत सांसद करोड़पति, 33 प्रतिशत अपराधी तो कैसे हो जनता का भला
प्रीति सिंह, पॉलीटिकल डेस्कः एक दौर था जब राजनीति में फक्कड़ किस्म के लोग होते थे। राजनीति उनके लिए समाज सेवा होती थी। उस दौर में नेता अपने लिए एक ठीकठाक घर बना ले वहीं बड़ी बात होती थी। अब राजनीति की परिपाटी बदल चुकी है। गरीब व्यक्ति के लिए राजनीति में कोई जगह नहीं है। वह कार्यकर्ता तो बन सकता है लेकिन सांसद, विधायक या मंत्री नहीं। अब राजनीति में जगह रसूखदार और अपराधी किस्म के लोगों को मिल रही है जो रसूखदार है उनको राजनीतिक दल टिकट भी आसानी से दे देते हैं भले ही वह जनता से कोसों दूर हो। शायद इसीलिए देश के अधिकांश सांसद करोड़पति हैं। एडीआर की रिपोर्ट में भी इसका खुलासा हुआ है।
प्रत्येक सांसद की औसत संपत्ति 14. 72 करोड़ रूपए
चुनाव सुधार के लिए काम करने वाली गैर सरकारी संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) की एक रिपोर्ट के मुताबिक लोकसभा के मौजूदा&n...