
बांदा में ठंड की बयार पर भारी पड़ा कुमार विश्वास का खुमार, सुनने के लिए उमड़ी हजारों की भीड़
समरनीति न्यूज, बाँदाः "मैं तुझसे दूर कैसा हूँ, तू मुझसे दूर कैसी है, ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है" प्रेम की पराकाष्ठा को प्रदर्शित करने वाली यह लाइन जब फिजाओ में गूंजीं तो बुंदेलखंड के युवाओं और कवि डॉक्टर कुमार विश्वास के बीच की सभी दूरियां मिट गईं। ऋषि बामदेव की तपोस्थली बाँदा में सजे बड़े मंच में कुमार विश्वास की कविताओं का नशा लोगों के सिर चढ़कर बोला।
"कोई दीवाना कहता " पर झूमे श्रोता
पूर्व प्रधानमंत्री एवं कवि स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी की जयंती की पूर्व संध्या के मौके पर आयोजित काव्यांजलि में वाणी के विश्वास, कविता के कुमार यानी कुमार विशवास ने ऐसा शमां बांधा कि हर कोई उसमें डूब सा गया।
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सदस्य हिंदी राजभाषा सलाहकार समिति भारत सरकार रमेश अवस्थी क...