समरनीति न्यूज, लखनऊ : एनआरआई सुखजीत सिंह हत्या कांड में शनिवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंकज कुमार श्रीवास्तव ने उसकी पत्नी रमनदीप कौर को फांसी और पत्नी के प्रेमी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इस हत्या कांड की बर्बरता खुद सुखजीत के बड़े बेटे ने सुनाई। कुल 16 गवाहों में सुखजीत का बेटा अर्जुन सिंह चश्मदीत गवाह है। बताते हैं कि उसकी गवाही काफी खास रही।
परिवार के खिलाफ जाकर की सुखजीत से लवमैरिज
इंग्लैंड में रमनदीप ने परिवार वालों की मर्जी के खिलाफ जाकर पहले तो सुखजीत से लव मैरिज की। फिर दो बच्चे होने के बाद उसके दोस्त मिट्ठू से प्यार करने लगी। दुबई से मिट्ठू के साथ शुरू हुए अवैध संबंधों में रोड़ा बन रहे पति सुखजीत की शाहजहांपुर यूपी में हत्या कर डाली।
दो बच्चों के बाद उसके दोस्त मिट्ठू से बना लिए संबंध
जानकारी के अनुसार बहुचर्चित सुखजीत सिंह हत्या कांड में एनआरआई पत्नी रमनदीप कौर को फांसी और उसके प्रेमी गुरुप्रीत सिंह उर्फ मिट्ठू को उम्रकैद की सजा दी।
अदालत ने मामले की विवेचना में लापरवाही करने वाले विवेचक राजेश कुमार सिंह पर डीजीपी से एक सप्ताह में कार्रवाई की अनुशंसा भी की है। दरअसल, शाहजहांपुर के बंडा के बसंतापुर के मूल निवासी सुखजीत इंग्लैंड के डर्बी शहर में रहने लगे थे। उनका फार्म हाउस बसंतापुर में है और मां वंश कौर इस फार्म हाउस की देखभाल करती हैं।
बेवफा पत्नी और गद्दार दोस्त ने ऐसे बर्बाद किया परिवार
बताते हैं कि सुखजीत की पंजाब के जैनपुर के मूल निवासी और दुबई में रहने वाले गुरुप्रीत उर्फ मिट्ठू से स्कूल के समय से दोस्ती थी। सुखजीत ने जालंधर की रहने वाली और इंग्लैंड के डर्बी शहर में रह रही रमनदीप से सन 2000 में शादी की। बताते हैं कि यह लव मैरिज थी। इसके बाद सुखजीत की पत्नी रमनदीप और मिठ्ठू के बीच अवैध संबंध हो गए। लेकिन सुखजीत को इसकी भनक तक नहीं लगी।
28 जुलाई 2016 को सुखजीत पत्नी, बच्चों और अपने दोस्त मिट्ठू को लेकर भारत आए। यहां कई जगह घूमने के बाद वह 15 अगस्त को अपने बसंतापुर स्थित फार्म हाउस पहुंचे। सबकुछ ठीक था कि तभी 1 सितंबर की रात सुखजीत की गला काटकर बेरहमी से हत्या कर दी गई। मामले की छानबीन करते हुए पुलिस ने खुलासा किया करते हुए रमनदीप कौर और मिठ्ठू को हत्या में गिरफ्तार कर लिया।
2016 में 1 सितंबर को हुई थी सुखजीत की हत्या
बताते हैं कि पुलिस खुलासे में पता चला कि प्रेम संबंध में रोड़ा बनने पर रमनदीप ने प्रेमी मिट्ठू के साथ मिलकर सुखजीत का गला काट दिया था। 1 साल बाद रमनदीप और मिट्ठू जमानत पर छूटे। बताया जाता है कि मुकदमे के दौरान अदालत में हत्या के चश्मदीद बेटे अर्जुन समेत कुल 16 गवाहों ने गवाही दी।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता श्रीपाल वर्मा का कहना है कि शनिवार को अदालत ने पत्नी को फांसी और उसके प्रेमी को उम्रकैद की सजा सुनाई। अदालत ने रमनदीप पर 5 लाख और मिट्ठू पर 3 लाख का जुर्माना भी लगाया है।
बेटे ने ऐसे सुनाई पिता हत्या की आंखों देखी पूरी बर्बरता
मृतक के बेटे अर्जुन ने कोर्ट को बताया कि वह उसी कमरे में सो रहा था जिसमें उसके पिता की हत्या हुई। हत्या के समय आहट से उसकी आंखें खुल गईं।
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उसने देखा कि मम्मी डैडी के सीने पर बैठी थी और तकिए से उनका मुंह दबा रखा था। तभी मिट्ठू ने डैडी के सिर पर हथौड़े से दो प्रहार किए।
दोस्त लाया चाकू और पत्नी ने बेरहमी से काटा गला
डैडी बहुत हिल रहे थे, इसलिए मम्मी ने कहा इसे फिनिश कर दो। फिर मिट्ठू ने चाकू लाकर दिया और मम्मी ने चाकू से डैडी का गला काट दिया। 10 साल के (हत्या के समय) अर्जुन ने कहा कि वह डर से चादर में ही बिना हिले-डुले दुबका रहा। कोर्ट से अर्जुन ने यह भी कहा कि अब रमनदीप उसके लिए सिर्फ रमनदीप कौर है।
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