समरनीति न्यूज, बांदा : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस पर काम कर रही है। सरकार की कई कार्रवाई नजीर बन चुकी हैं। इसी बीच खनिज संपदा से समृद्ध बुंदेलखंड के बांदा की जिला पंचायत में अटका करोड़ों का एक टेंडर काफी चर्चा में है। खनिज तहबाजारी के लिए होने वाला यह करोड़ों का ठेका 3-3 बार टेंडर होने के बावजूद उठ नहीं रहा। कोई ठेकेदार इसे लेने के लिए आगे नहीं आ रहा है। टेंडर बार-बार कैंसल हो रहा है। कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। जिम्मेदार लोग आनलाइन प्रक्रिया की बात कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं। सरकार को राजस्व का भारी नुकसान होने की आशंका है। सबकुछ एक बड़े खेल की ओर इशारा कर रहा है।
चर्चा का विषय बना बार-बार कैंसल होते तहबाजारी टेंडर
दरअसल, यह मामला कई तरह के सवाल उठा रहा है। बीते वर्ष भी यही हुआ था। जानकार बताते हैं कि बालू और गिट्टी जैसे खनिज संपदा से भरे-पूरे क्षेत्र में यह ठेका ज्यादातर कांट्रेक्टरों की पहली पसंद रहा है, लेकिन अब इसमें कोई हाथ नहीं डाल रहा है। ऐसा पूर्व की सरकारों में सिंडीकेट के दवाब में होता था। तब बात और थी, अब सरकार बदल चुकी है। माहौल बदल चुका है, लेकिन चर्चा है।
3 बार कैंसल होने के बाद अब 24 मार्च लगी नई तारीख
बताते हैं कि जिला पंचायत की ओर से खनिज तहबाजारी के ठेके का टेंडर तीन बार कैंसल हो चुका है। चौथी बार इसकी तारीख 24 मार्च लगाई गई है। जिला पंचायत के अधिकारियों का कहना है कि हर बार टेंडर खाली जा रहे हैं, कोई आवेदन नहीं आ रहा है। ऐसे में तारीख पर तारीख बढ़ती जा रही है।
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खास बात यह है कि बीते वर्ष 2022-23 में भी ऐसा ही हुआ था। कई बार टेंडर कैंसल होने के बाद ठेका उठा था। तब इस ठेके को 2 करोड़ 60 लाख रुपए में उठाया गया था, जो बेहद कम था। इस सबसे सरकार को करोड़ों के राजस्व की हानि हो रही है।
पढ़िए ! कहते हैं जिला पंचायत अध्यक्ष
जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील पटेल से मोबाइल पर हुई। उन्होंने कहा कि हमने अपना काम कर दिया है। जिपं अध्यक्ष श्री पटेल ने कहा कि ठेकेदार आवेदन नहीं कर रहे हैं, इसपर कुछ नहीं कह सकते हैं। आनलाइन प्रक्रिया है, पूरे प्रदेश से कोई भी आवेदन कर सकता है। किसी को इसके लिए रोक नहीं है। जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि सभी नियमों का ध्यान रखा जा रहा है।
जिला पंचायत एएमओ की भी सुनिए
जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी (एएसओ) सतेंद्र सिंह चौहान से मोबाइल पर बात हुई। उनका कहना है कि 3 बार टेंडर निकाले जा चुके हैं, लेकिन अबतक कोई आवेदन नहीं आया है। फिर टेंडर कैंसल कर अगली तारीख 24 मार्च लगाई गई है। एएमए श्री चौहान ने बताया कि वर्ष 2022-23 में यह टेंडर लगभग 2 करोड़ 60 लाख रुपए का हुआ था। अबकी बार उसमें 15% बढ़ोत्तरी के साथ टेंडर निकाला गया है।
ऐसे में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। एक सवाल यह भी है कि क्या वाकई जिला पंचायत के इस ठेके को लेने के लिए ठेकेदारों का टोटा हो गया है या फिर किसी बड़े खेल की तैयारी है।
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