समरनीति न्यूज, बांदा : संचारी रोगों की रोकथाम के लिए प्रदेश स्तरीय अभियान का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में शुभारंभ किया है। बांदा की डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल भी जिला मुख्यालय पर इस अभियान को हरी झंडी दिखा चुकी हैं। ऐसे में बात अगर बांदा के बेसिक शिक्षा विभाग की करें तो लग रहा है कि विभागीय अधिकारी कानों में रुई डाले बैठे हैं। जिम्मेदारी से मुंह मोड़ रहे हैं। कम से कम मुख्यालय पर प्राइवेट स्कूलों के हालात देखकर तो यही लग रहा है।
प्रशासन कर चुका अभियान की शुरूआत
बताते चलें कि बांदा मुख्यालय पर संचालित प्राइवेट स्कूलों में डेंगू, मलेरिया और इंसेफ्लाइटिस जैसे रोगों से बच्चों को बचाने के लिए कोई उपाए नजर नहीं आ रहे हैं। न ही कोई पहल की जा रही है।
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सुविधाओं के नाम पर मोटी फीस वसूलने वाले इन प्राइवेट स्कूलों में मच्छरों को रोकने के लिए बेसिक उपाय तक नहीं दिख रहे। किसी तरह की कीटनाशक के छिड़काव को लेकर भी स्कूलों की ओर से किसी पहल की जानकारी नहीं आ रही है। अभिभावकों का कहना है कि रोगों से रोकथाम के लिए दूसरे जरूरी उपाए किए जा रहे हैं। अभिभावकों का कहना है कि कुछ स्कूलों में तो सफाई भी पर्याप्त नहीं होती।
छोटे ही नहीं, बड़े स्कूलों का भी ऐसा ही हाल
इनमें छोटे ही नहीं, बल्कि बड़े स्कूल भी शामिल हैं। हालांकि, कुछ स्कूल अपने स्तर से दावा करते हैं कि उनके यहां बचाव के उपाए हो रहे हैं। लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों के निरीक्षण में ही सही बात सामने आ सकेगी। फिलहाल, जिले के शिक्षा विभाग की ओर से भी इस दिशा में कोई कदम उठाने की जानकारी मिली है। उधर, बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों से इस संबंध में बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन संपर्क नहीं हो सका।
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