समरनीति न्यूज, बांदा : बांदा का आरटीओ विभाग इस समय ओवरलोडिंग को लेकर काफी चर्चा में है। विभाग के कार्यालय पर दलालों का कब्जा है। वहीं अधिकारी ओवरलोड गाड़ियों की एंट्री के खेल में इतना मस्त हैं कि उनको न विभाग की साख की परवाह है और न सरकार की। नियम-कानून कुछ दिखाई नहीं दे रहे। यही वजह है कि ओवरलोडिंग धड़ल्ले से चल रही है। बारिश होने के बावजूद बालू और गिट्टी की ओवरलोड गाड़ियों को आसानी से देखा जा सकता है। पिछली सरकारों वाले हालात साफ दिखाई दे रहे हैं। हाल यह है कि ओवरलोडिंग जानलेवा बन चुकी है।
कभी शहर में पलट रहे हैं तो कभी जल रहे ओवरलोड ट्रक
कुछ दिन पहले शहर में नोएंट्री के समय निकल रहा ओवरलोड बालू ट्रक कालूकुआं चौराहे पर हनुमान मंदिर पर पलट गया। इसके दो-तीन दिन बाद एक ओवरलोड गिट्टी लदा ट्रक चिल्ला रोड पर पलट गया।
उसमें आग लग गई और ड्राइवर की जिंदा जलकर मौत हो गई। दरअसल, वाहन चालक इतना ज्यादा ओवरलोड कर रहे हैं कि उनका गाड़ियों से नियंत्रण नहीं रहता।
रोज गुजरती हैं एमपी से आने वाली सैकड़ों ओवरलोड गाड़ियां
मध्यप्रदेश की सीमा से सटे मटौंध और गिरवां क्षेत्रों से होकर रोज सैकड़ों ओवरलोड ट्रक और डंफर बेरोक-टोक गुजर रहे हैं।
इसके अलावा कबरई से गिट्टी की गाड़ियां भी ओवरलोड निकल रही हैं। आरटीओ विभाग के विश्वस्त्र सूत्र की माने तो विभाग के कुछ अधिकारी इन गाड़ियों के लिए एंट्री में जमकर खेल रहे हैं।
मौके पर निपटारा करने वाले इन साहब की खास चर्चा
इनमें से कुछ तो ऐसे हैं जो अपने पद की गरिमा को दरकिनार रात-रातभर सड़कों पर वाहनों की चेकिंग कर रहे हैं। एंट्री लिस्ट से बाहर की गाड़ियों का मौके पर ही निपटारा कर छोड़ रहे हैं।
ऐसे मामलों को लेकर एक अधिकारी की कार्यशैली खास चर्चा में है। कहा जाता है कि ‘साहब’ मौके पर ही ओवरलोड गाड़ियों को पकड़कर निपटारा कर देते हैं।
प्रशासनिक टीम कार्रवाई तो करती है, लेकिन..
ऐसा नहीं है कि ओवरलोडिंग के खिलाफ प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा। लेकिन परिवहन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत के आगे प्रशासन की कार्रवाई नाकाफी साबित हो रही है। प्रशासनिक टीमें एक-दो दिन कार्रवाई करती हैं, बाद में फिर वही हाल हो जाता है।
कार्रवाई बंद होते ही दोबारा ओवरलोडिंग का खेल शुरू हो जाता है। उधर, आरटीओ विभाग के अधिकारियों का पक्ष जानने के लिए उनसे संपर्क करने का प्रयास किया गया। लेकिन संपर्क नहीं हो सका।
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