समरनीति न्यूज, बांदा : वट सावित्री व्रत पूजन का शुक्रवार को विशेष दिन रहा। ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को वट सावित्री व्रत रखने की परंपरा होती है। इस दिन शादीशुदा महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। विधि-विधान से पूजन करती हैं।
बांदा में भी सुहागिनों ने रखा व्रत
साथ ही वट यानी बरगद के पेड़ की पूजा भी करती हैं। देशभर की तरह बांदा में भी यह त्यौहार बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। सुहागिनों ने पूजा करने के बाद ही जल ग्रहण किया।
चिल्ला रोड पर रहने वाली स्मृति निगम ने बताया कि यह व्रत पति की लंबी आयु के लिए रहा जाता है। विवाहित महिलाएं सुबह से निर्जला व्रत रहती हैं।
पूजा के बाद ही ग्रहण करती हैं जल
फिर पूजा के बाद ही जल ग्रहण करती हैं। स्मृति कहती हैं कि ऐसा माना जाता है कि यह व्रत बहुत प्रभावशाली होता है। वह बताती हैं कि शास्त्रों में कहा गया है कि देवी सावित्री ने अपने पति को यमराज से मुक्त करा लिया था।
बट वृक्ष पर लपेटा सूत का धागा, परिक्रमा की
उन्होंने इसी व्रत के प्रताप से ऐसा किया था। बताया कि वह भी अपने पति की लंबी आयु के लिए बहन और मां के साथ व्रत कर रही हैं। बांदा में महिलाएं घर से पूजा करने के बाद घरों के पास लगे बट वृक्षों के पास पहुंचीं।
दीपक जलाकर की पूजा, कथा भी सुनी
वहां वृक्ष की जड़ में जल डाला। फूल-धूप और मिठाई चढ़ाईं। बाद में वृक्ष पर कच्चा सूत का धागा लपेटा और परिक्रमा भी लगाई। सभी ने परिक्रमा के बाद सत्यवान की कथा भी सुनी। पूजा करते हुए दीपक भी जलाए। बड़ी संख्या में सुहागिनें एकत्रित हुईं।
शहर के सभी इलाकों में महिलाओं ने आज यह पूजन किया। बताते चलें कि इस व्रत की काफी महत्ता है। व्रत के लिए पहले से ही तैयारियां शुरू हो जाती हैं। इसी तरह कामिनी, योगिता, सुनीता, निर्मला, रानी, निहारिका, तान्या ने बताया कि आज के दिन व्रत करने का बड़ा असर होता है।
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