
समरनीति न्यूज, बांदा : बांदा हार्पर क्लब में गड़बड़ी को लेकर ‘समरनीति न्यूज’ की खबरें सही साबित हुईं। मामला जिलाधिकारी नागेंद्र प्रताप के पास पहुंचा है। क्लब के पूर्व सचिव वासिफ जमां और पूर्व क्रीड़ा सचिव अरुण अवस्थी के साथ एक दर्जन से ज्यादा सदस्यों ने जिलाधिकारी से क्लब में गड़बड़ी की गंभीर शिकायत की है। आरोप लगाया है कि हार्पर क्लब संचालन समिति के कुछ लोग मनमाने फैसले ले रहे हैं। जिलाधिकारी ने सिटी मजिस्ट्रेट संदीप केला को जांच सौंपी है।
21 हजार से बढ़ाकर सीधे 51 हजार रुपए कर दी मैंबरशिप फीस
जिलाधिकारी से शिकायत की गई है कि हार्पर क्लब का बीते कई वर्षों से विधि सम्मत संचालन नहीं हो रहा है। संचालन समिति के कुछ पदाधिकारी निजी लिप्साओं से सरकार द्वारा नागरिकों को उपलब्ध ऐतिहासिक हार्पर क्लब की संपत्ति का दुरुपयोग कर रहे हैं।
10 वर्षों से AGM की बैठक नहीं, कुछ लोग ले रहे मनमाने फैसले
2016 से अबतक क्लब की आम सभा की कोई बैठक ही नहीं बुलाई गई है। क्लब के आय-व्यय का लेखा-जोखा प्रस्तुत नहीं हो सका है। सदस्यों को नहीं पता कि कितना खर्च हो रहा है और कितना आ रहा है।
बिना टेंडर किराये पर वर्षों से चल रहा जिम, नियमावली का उल्लंघन
बिना किसी लिखा-पढ़ी और वैधानिक औपचारिकता पूरी किए क्लब में जिम किराये पर चलाया जा रहा है। जिम के किराये को लेकर भी सवाल हैं। कहा गया है कि सरकारी नियमावली है कि बिना टेंडर सरकारी बिल्डिंग को किराये पर न दिया जाए। इसके बावजूद किराये पर दिया गया है।
क्लब में चल रही शूटिंग रेंज भी नियमावली का का खुला उल्लंघन.!
शिकायत में कहा गया है कि हार्पर क्लब में शूटिंग रेंज का संचालन भी नियमावली का उल्लंघन है। इतना ही नहीं आरोप है कि खेलो इंडिया के तहत उक्त मद में जो धन आवंटित हुआ है, वह क्लब के खाते में नहीं हुआ है।
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8 वर्षों से बिना एजीएम की बैठक नहीं कराई गई है। 2016 की एजीएम की बैठक में जो फैसले लिए गए थे, उनपर अबतक अमल नहीं हुआ है।
आम सभा की बैठक के बिना ही सदस्य बढ़ाने का फैसला
क्लब के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि कुछ दिन पहले हार्पर क्लब में नए सदस्यों को शामिल करने का विज्ञापन एक अखबार में छपा है। सदस्य बढ़ाने का नीतिगत फैसला बिना क्लब की आम सभा के ले लिया गया। मेंबरशिप की फीस सीधे 51,000 रुपए कर दी गई है। बहरहाल, इसमें कोई दो राय नहीं है कि हार्पर क्लब में कुछ लोग मनमाना रवैय्या अपनाए हुए हैं। अब सदस्यों की नाराजगी फूटकर बाहर आ गई है।
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बता दें कि क्लब एक सरकारी संपत्ति है। शिकायतकर्ताओं में पूर्व सचिवों के अलावा सदस्य सुनील गुप्ता, शिवम सिंह, विनय कुमार, मयंक खरे, आजीवन सदस्य अजीम अहमद, सदस्य आदर्श तिवारी, प्रदीप गुप्ता, विपिन सक्सेना, कु. देवेंद्र सिंह, अजयंत, नीलेंद्र चौरसिया, नरेंद्र सिंह शामिल रहे।