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बुंदेलखंड: भगवान भरोसे बांदा जलसंस्थान: चित्रकूट में बैठकर लाखों लोगों को लग्गी से पानी पिला रहे साहब

Banda Jal Sansthan with God's trust: 'Sahab' is sitting in Chitrakoot and providing water to people from laggie

मनोज सिंह शुमाली, बांदा: बुंदेलखंड में पेयजल संकट और घर-घर पानी पहुंचाने को लेकर सरकारें क्या कुछ नहीं कर रहीं। मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ गांव-गांव में पेयजल संकट दूर करने के सख्त निर्देश हैं। बांदा मंडल का जलसंस्थान विभाग भगवान भरोसे चल रहा है। महाप्रबंधक पद खाली है। प्रभारी जीएम/सहायक अभियंता चित्रकूट में बैठकर मंडल चला रहे हैं।

सहायक अभियंता के पास GM का चार्ज, चित्रकूट में आवास

ऐसे में जिम्मेदारी संभाल रहे सहायक अभियंता चित्रकूट में बैठकर पूरे मंडल के लोगों को ‘लग्गी से पानी पिलाना’ वाली कहावत चरितार्थ कर रहे हैं। यही वजह है कि बांदा से लेकर बाकी जिलों में कहीं गंदा पानी पहुंच रहा है तो कहीं समय पर पानी नहीं पहुंच रहा है। पेयजल आपूर्ति बुरी तरह लड़खड़ा हुई है।

Banda Jal Sansthan with God's trust: 'Sahab' is sitting in Chitrakoot and providing water to people from laggie

बांदा में कई जगह गंदे पानी और पेयजल आपूर्ति की दिक्कत

दरअसल, कुछ महीने पहले बांदा जलसंस्थान के महा प्रबंधक पुरुषोत्तम कुमार का सहारनपुर तबादला हो गया था। उनके बाद कोई अधिकारी अबतक यहां नहीं आया है। वहीं कुछ दिन पहले अधिशाषी अधिकारी राजेश श्रीवास्तव भी सेवानिवृत हो चुके हैं। विभाग में अधिकारियों का

बाबू चला रहे कार्यालय, जनता पर भारी पड़ रही मनमानी

एकदम से टोटा हो गया। हालत यह है कि बांदा मंडल में जलसंस्थान में न तो महाप्रबंधक हैं और न ही कोई अधिशाषी अभियंता (एक्सईएन) है। महाप्रबंधक की जिम्मेदारी इकलौते अवर अभियंता धर्मेंद्र कुमार सत्संगी के पास हैं। उनका पोस्टिंग चित्रकूट में है।

कर्मचारी बोला, उच्चाधिकारियों की बैठक में आते हैं साहब

सूत्रों का कहना है कि चार जिलों के लाखों लोगों की आबादी को पेयजल आपूर्ति की जिम्मेदारी को साहब चित्रकूट में बैठकर निभा रहे हैं। एक विभागीय कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर

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कहा कि बुरा हाल है, साहब तो सिर्फ कमिश्नर और डीएम की मीटिंग में शामिल होने आते हैं। इसके बाद फिर चित्रकूट लौट जाते हैं। यहां कोई सुनता नहीं। अब ऐसे में आप समझ सकते हैं कि बांदा मंडल का सबसे महत्वपूर्ण विभाग जलसंस्थान भगवान भरोसे चल रहा है।

पूर्व के अधिकारियों की जिम्मेदारी से भी नहीं ली कोई सीख

पूर्व के अधिकारियों ने काफी जिम्मेदारी से काम किया। एक शिकायत पर जनता की समस्या दूर करने टीम पहुंचती थी लेकिन अब मौजूदा समय में अधिकारी बाबुओं के भरोसे काम छोड़कर खुद इधर-उधर हैं। ऐसे में अकेले बांदा शहर में कई जगहों से गंदे पानी और समय पर पेयजल आपूर्ति न होने की शिकायतों की भरमार है। उधर, इस संबंध में बात करने के लिए जब सहायक अभियंता धर्मेंद्र कुमार सत्संगी से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन संपर्क नहीं हो सका।

बांदा शहर में दूषित-बदबूदार पानी सप्लाई से लोग बेहाल, जलसंस्थान अधिकारी..