मनोज सिंह शुमाली, लखनऊ : भाजपा नेता 400 पार के नारे लगा रहे थे, लेकिन जब परिणाम आया तो सरकार बनाने के लिए दूसरे दलों का समर्थन लेना पड़ा। हार की वजह तलाशने के लिए पूरी पार्टी में खलबली मची है। बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष दो दिवसीय यूपी दौरे पर आए हुए हैं। लखनऊ में शनिवार और आज रविवार को पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष ने समीक्षा कर हार के कारण जानने का प्रयास किया।
दो दिन बैठकें, पार्टी उठाएगी ये कदम..
शनिवार को उन्होंने क्षेत्रीय अध्यक्षों और क्षेत्रीय प्रभारियों के साथ बैठकें कीं। उनकी बातें सुनीं तो आज रविवार को सीएम योगी आदित्यनाथ, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक आदि के साथ बैठक की। अब पार्टी जल्द 10 सीटों पर होने वाले उप चुनावों पर फोकस कर रही है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि फिलहाल समीक्षा में बीजेपी की हार के 3 कारण मोटे तौर पर सामने आए हैं। ये कारण हैं अहंकार, उपेक्षा और भितरघात। दरअसल, समीक्षा में सामने आया है कि प्रत्याशियों का अहंकार उनकी हार का बड़ा कारण बना।
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इसके अलावा एक कारण पार्टी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा रही। बाहर से आए नेताओं को तवज्जों देकर पुराने कार्यकर्ताओं की उपेक्षा हुई। यह भी हार का एक कारण रहा। तीसरा कारण भितरघात है। पार्टी के ज्यादातर विधायक खुद सांसद बनने का सपना देख रहे थे। टिकट न मिलने पर इन विधायकों ने चुनाव में भीतरघात किया।
संविधान-आरक्षण पर स्थिति साफ करेगी पार्टी
कई ने अपनी विधानसभा तो जिताई, मगर बाकी जगहों पर चुनाव हरवाने का काम किया। ताकि सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे। पार्टी सूत्रों का कहना है कि संगठन स्तर पर बड़ा बदलाव होगा। ऐसे विधायकों पर भी एक्शन होगा जो वोट नहीं दिला सके। इसलिए अब पार्टी सोच समझकर आने वाले उप चुनावों में टिकट देगी। साथ ही संविधान और आरक्षण पर विपक्ष द्वारा फैलाए गए भ्रम को दूर करने का काम भी करेगी।
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