मनोज सिंह शुमाली, डेस्क: Global Forgiveness Day 2025 आज 7 जुलाई को पूरी दुनिया ‘वैश्विक क्षमा दिवस’ मना रही है। दरअसल, आज का दिन खराब रिश्तों को ठीक करने का एक अवसर देता है। इसे महान दिन के रूप में देखा जा सकता है। आज के दिन हम अपने सभी पुराने संघर्षों और शिकायतों की पीड़ाओं से दूर एक नए आज की शुरूआत कर सकते हैं।
‘वैश्विक क्षमा दिवस’ ऐसे शुरू हुआ सिलसिला
गलफहमियों से उपजी दूरियों को कम कर सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सबसे पहले 1994 में विक्टोरिया और ब्रिटिश कोलंबिया में राष्ट्रीय क्षमा दिवस मनाने की शुरूआत हुई। जैसे ही इसकी लोकप्रियता बढ़ी, इसे ‘वैश्विक क्षमा दिवस’ का नाम देकर पूरी दुनिया में मनाया जाने लगा। इस तरह इसकी शुरूआत हुई।
महिला बुद्धिजीवियों ने ‘क्षमा’ की बताई महत्ता

महिला कालेज की प्रोफेसर एवं साहित्याकर डा. सबीहा रहमानी ने कविता के जरिए क्षमा के अद्भुत महत्व पर प्रकाश डाला।
“क्षमा मात्र दो अक्षर का शब्द नहीं, सार्थक जीवन का व्यापक अर्थ है सौम्य, सरल जीवन का सार है, डूबती नैय्या का आधार है सबसे बड़ा पुण्य और जीवन में किया गया महादान है राम ने केकेयी को माफ किया था,
युधिष्ठिर क्षमा कर महाभारत से बच रहे थे लेकिन जब अनर्थ, अत्याचार, अन्याय और शोषण बढ़ जाए और निगलने लगे मानवता को तब क्षमा करना महापाप है, अन्याय और अधर्म के विरुद्ध बिगुल बजाना होगा,
श्री कृष्ण ने यही कहा था अन्तत: युद्ध तय हुआ और अधर्म अनाचार का अंत हुआ।” –

महिला कालेज की प्राचार्या दीपाली गुप्ता का कहना है कि इस संसार में समभाव और सामजस्य बनाए रखते हुए मनुष्य को क्षमाशील होना चाहिए। क्षमा से बड़ा कोई दान नहीं है। इसलिए आज का दिन खास है।

इसी तरह बांदा महिला कालेज में संस्कृत विषय की प्रवक्ता डा. सपना सिंह का कहना है कि हमारे संस्कार हमें सदैव क्षमा दान करने के लिए प्रेरित करते हैं। इसलिए आज का दिन हम सभी के लिए खास है।

बंधन बैंक की प्रबंधक कोमल गुप्ता का कहना है कि क्षमा एक ऐसा गुण है, जिसके बिना किसी व्यक्ति का जीवन सार्थक नहीं हो सकता। क्षमा वही कर सकता है जो शक्तिशाली होगा, क्षमा देने और मांगने में संकोच न करें।

प्रवक्ता डा. जयंती सिंह का कहना है कि क्षमा मनुष्य का सर्वोपरि अस्त्र है, हमेशा क्षमा करने वाला व्यक्ति अधिक शक्तिशाली होता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए क्षमा के गुण को आत्मसात करना चाहिए।

बांदा नृत्य कला केंद्र की निदेशक श्रद्धा निगम का कहना है कि यूं तो सभी धर्म क्षमा की सीख देते हैं, किंतु जैन धर्म का यह विशिष्ट मूल तत्व है। क्षमा करना हार नहीं, बल्कि जीत है।
ये भी पढ़ें: Women’s Day : विरासत को बखूबी संभालतीं बांदा की ये अपराजिता..
Bollywood: शबाना आजमी संग Kissing सीन पर धर्मेंद्र बोले-मेरे एक Kiss ने सबको हिला डाला
मक्खी निगलने के बाद करिश्मा कपूर के एक्स हसबैंड संजय कपूर की हार्ट अटैक से मौत
लिपस्टिक को संस्कृत में क्या कहते हैं..जानकर हैरान हो जाएंगे आप!
फेमस महिला इन्फ्लुएंसर कमल कौर भाभी उर्फ कंचन की कार में मिली डेड बाॅडी-छानबीन में जुटी पुलिस..