
समरनीति न्यूज, बांदा: ओवरलोडिंग सिंडीकेट का बड़ा खेल यूपी-एमपी बार्डर पर चल रहा है। सैंकड़ों की संख्या में बालू लदे ओवरलोड ट्रकों की मध्य प्रदेश से यूपी में एंट्री हो रही है। इससे यूपी सरकार को कई तरह से नुकसान पहुंच रहा है। यूपी की सड़कें बर्बाद हो रही हैं। सरकारी राजस्व की हानि हो रही है। तमाम कार्रवाई हो चुकी हैं। बड़े अधिकारी भी नप चुके हैं। कई का निलंबन हुआ है। इसके बावजूद ओवरलोडिंग एंट्री के इस सिंडीकेट पर लगाम नहीं कस सकी। इसकी एक वजह सिंडीकेट के लोगों की संबंधित विभागों में गहरी जड़ें हैं।
मध्य प्रदेश की ओवरलोडिंग से UP की सड़कें बर्बाद
दरअसल, बांदा के गिरवां, मटौंध और कालिंजर थाना क्षेत्रों में मध्य प्रदेश का बार्डर पड़ता है। इन क्षेत्रों से दिन ढलते ही बालू लदे ओवरलोड ट्रकों की एंट्री धड़ल्ले से शुरू हो जाती है। सूत्रों का कहना है कि मध्य प्रदेश के ओवरलोडिंग सिंडीकेट के दलाल जावेद और मीणा जैसे नाम पूरे सिस्टम पर भारी पड़ रहे हैं।
इनमें से कुछ मध्यप्रदेश के भोपाल के हैं तो कुछ नरैनी क्षेत्र से जुड़े हैं। इन दलालों की खनिज, आरटीओ और दूसरे संबंधित विभागों में जबरदस्त पकड़ है। यही वजह है कि बड़ी-बड़ी कार्रवाई होने के बावजूद यह सिलसिला बंद नहीं होता।
ASP निलंबित, इंस्पेक्टर समेत कई पर मुकदमा-कई निलंबन, फिर भी जारी
बांदा के एक एएसपी इसी मामले में निलंबित हो चुके हैं। गिरवां के तत्कालनी कोतवाल समेत कई पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो चुका है। कई कई खनिज अधिकारी हट चुके हैं। कई थानेदारों पर भी एक्शन हुआ है। इतना सबकुछ होने के बावजूद मध्यप्रदेश के अवैध खनन के ओवरलोड ट्रकों के आने का सिलसिला बंद नहीं हुआ। सवाल यही उठता है कि
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