समरनीति न्यूज, लखनऊ: वरिष्ठ चिकित्सकों को सरकार से प्राइवेट प्रैक्टिस भत्ता मिलता है। इसके बावजूद डाॅक्टर्स प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं। शासन ने प्राइवेट प्रैक्टिस में लिप्त दो चिकित्सा शिक्षकों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया है। दोनों को बर्खास्त कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार, जांच के बाद गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज (जीएसवीएम) कानपुर के दो चिकित्सा शिक्षकों को नौकरी से बर्खास्त किया गया है।
इन दोनों डाॅक्टर्स पर गिरी कार्रवाई की गाज
जानकारी के अनुसार, डॉ. राघवेन्द्र गुप्ता जीएसवीएम के न्यूरो सर्जरी विभाग में सह आचार्य और डॉ. स्वप्निल गुप्ता पैथोलॉजी विभाग में सहायक आचार्य थे।
ये भी पढ़ें: IPL 2025 स्थगित होते ही आने लगे मेजबानी के ऑफर
दोनों शासन के आदेशों की अवहेलना और अधिकारियों को गुमराह करने पर कानपुर मंडलायुक्त की जांच रिपोर्ट पर बर्खास्त कर दिया गया है। सूत्रों का कहना है कि जांच में पता चला कि दोनों कानपुर के न्यूरॉन हॉस्पिटल में प्राइवेट प्रैक्टिस करते थे। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का कहना है कि सरकारी डॉक्टर की प्राइवेट प्रैक्टिस क्षम्य नहीं है।
सनम तेरी कसम: एक्टर हर्षवर्धन राणे ने पाकिस्तानी एक्ट्रेस मावरा होकेन को फटकारा