समरनीति न्यूज, कानपुर : फर्रुखाबाद में पुलिस ने एक चौंकाने वाले सेक्स रैकेट का खुलासा किया है। यह सेक्स रैकेट एक पिज्जा हाउस में एसपी/डीएम आवास और पुलिस लाइन के पास चल रहा था। कहा जा रहा है कि यह गंदा काम कई सालों से जारी था। पुलिस ने मौके से 9 युवतियों और 11 युवकों को आपत्तिजनक हालत में पकड़ा है। मामले में पुलिस ने पिज्जा हाउस के संचालक सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर और उसके बेटे को गिरफ्तार किया है। डीएम संजय कुमार सिंह के आदेश पर सिटी मजिस्ट्रेट सतीश चंद्र व सीओ सिटी प्रदीप सिंह ने पिज्जा हाउस में छापा मारा।
रिटायर इंस्पेक्टर और बेटा चला रहे थे सेक्स रैकेट
महिला पुलिस भी मौजूद रही। मौके से पुलिस ने डिग्री कॉलेज की 9 छात्राएं व 11 युवकों को बेहद आपत्तिजनक हालत में पकड़ा। छात्राओं व युवकों को पुलिस ने पूछताछ के बाद उनके परिजनों को सौंप दिया।
साथ ही पिज्जा हाउस सील कर दिया गया। जानकारी के अनुसार फतेहगढ़ कोतवाली क्षेत्र के गांव सरह के सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर प्रमोद अग्निहोत्री कस्बे के मोहल्ला बनखड़िया जिला जेल चौराहे के पास रहता है। उसका छोटा बेटा प्रदीप अग्निहोत्री है।
DM-SP आवास और पुलिस लाइन के बीच काला धंधा
बताते हैं कि सेवानिवृत इंस्पेक्टर और उसके बेटे ने डीएम-एसपी आवास व पुलिस लाइन के बीच मोहल्ला ग्वालटोली टिलियां में मकान बनवाया था।रिटायर इंस्पेक्टर का बेटा प्रदीप मकान में शिकागो पिज्जा हाउस खोले था।
वहां ऊपरी तल पर कई छोटे कमरे बनवाए हुए था। उन्हीं में देह व्यापार का काम शुरू कर दिया था। शनिवार को एक युवक ने मामले की शिकायत करते हुए डीएम को पिज्जा हाउस के फुटैज दिखाए।
कैबिन के अलावा दे रहे थे कमरों की सुविधाएं भी
डीएम के आदेश पर सिटी मजिस्ट्रेट, सीओ सिटी, फतेहगढ़ कोतवाल सचिन सिंह, महिला एसओ ललिता मेहता फोर्स के साथ वहां पहुंचे और छापा मारा। अधिकारी जब ऊपरी तल पर पहुंचे तो उनके पैरों तले भी जमीन खिसक सी गई।
वहां कमरों में युवक-युवतियां आपत्तिजनक हालत में मिले। देह व्यापार कराने के आरोप में पुलिस ने सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर और उसके संचालक बेटे को पकड़ा है। बताते हैं कि पकड़ी गईं सभी युवतियां छात्राएं हैं। पूछताछ के बाद उन्हें उनके परिजनों के सिपुर्द कर दिया गया है।
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एसपी विकास कुमार का कहना है कि आरोपी बाप-बेटे को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी है। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बताया जा रहा है कि गंदा काम करने वाले बाप-बेटे 300 रुपए में पिज्जा मिलता था और हजार रुपए में कमरा दिया जाता था।
युवक-युवतियों के लिए कैबिन और कमरों की सुविधाएं थीं। कैबिन में बैठने के लिए पिज्जा लेना जरूरी होता था। कैबिन में एक घंटे ही बैठ सकते थे। अगर ज्यादा एकांत में समय बिताना है तो 1 हजार में कमरा लेकर उपरी मंजिल पर जा सकते थे। आसपास के लोगों का कहना है कि रोजना कम से कम 10 युवक-युवतियां वहां आते-जाते थे।