समरनीति न्यूज, बांदा : बांदा के जखनी गांव के जल योद्धा उमाशंकर पांडेय को भारत सरकार ने पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया है। सूखे से जूझने वाले बांदा ही नहीं, बल्कि पूरे देश को उमाशंकर पांडेय ने खेत पर मेड़ और मेड़ पर पेड़ का मंत्र देकर इस आपदा से निपटने के लिए एक नई दिशा दी।
सामुदायिक सहभागिता से श्री पांडे ने जल संरक्षण की दिशा अभूतपूर्व कार्य किए हैं। समाज में उनकी अपनी एक अलग पहचान है। वह प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में गठित नीति आयोग की भू-जल संरक्षण समिति में सदस्य हैं।
इस सम्मान को लेकर जब उनसे बात हुई तो उन्होंने कहा कि सरकार के आभारी हैं। कहा कि यह उनके द्वारा 30 साल से निस्वार्थ भाव से किए कार्य का प्रतिफल है। दरअसल, जल संरक्षण के लिए श्री पांडे ने बड़ा काम किया है।
उन्होंने परंपरागत विधि से बिना किसी की सहायता लिए ‘खेत पर मेड़ और मेड़ पर पेड़’ को सार्थक करते हुए जल संरक्षण को एक नया आयाम दिया है। उनके इस अभियान की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मन की बात कार्यक्रम में भी प्रशंसा की जा चुकी है। जल संरक्षण के इस माडल को अपनाने के लिए पीएम मोदी ने देश के सभी प्रधानों को पत्र भी लिखा था।
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