समरनीति न्यूज, प्रयागराज/बांदा: बांदा के बबेरू में दिव्यांग का मकान ढहाए जाने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। मामले में जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील पटेल की भूमिका की जांच के आदेश जिलाधिकारी को दिए हैं। दरअसल, उच्च न्यायालय ने पीड़ित दिव्यांग राजेंद्र प्रासद पांडे द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिए हैं।
बबेरू में बिना नोटिस दिव्यांग का मकान ढहाने का मामला
पीड़ित ने जिला पंचायत अध्यक्ष, एसडीएम बबेरू, कृषक सेवा समिति समेत पांच लोगों को पक्ष बनाया है। यह आदेश जज मनोज कुमार गुप्ता व जज राम मनोहर नारायण मिश्रा की खंडपीठ ने पीड़ित की याचिका पर सुनवाई के बाद दिए। बताते चलें कि बांदा के बबेरू कस्बे में दिव्यांग राजेंद्र प्रसाद पांडेय के मकान पर बुल्डोजर चलाया गया था।
अधिकारियों की जल्दबाजी को लेकर उठे थे तमाम सवाल
आरोप थे कि अधिकारियों ने यह कार्रवाई काफी जल्दबाजी में की। बिना नोटिस दिए मकान ढहा दिया गया। परिवार की महिलाओं ने विरोध किया तो हिरासत में ले लिया गया। यह परिवार 26 साल से उस मकान में रह रहा था। स्थानीय लोगों का भी कहना था कि अधिकारियों ने इसमें काफी तेजी बरती थी।
ये भी पढ़ें: बांदा में राजनीति गरमाई, जिपं अध्यक्ष सुनील पटेल करोड़ों की हेरफेर में दोषी मिले
पीड़ित का कहना है कि मकान कृषक सेवा समिति की ओर से उन्हें रहने के लिए दिया गया था। पीड़ित पक्ष ने जिला पंचायत अध्यक्ष पर मामले में अधिकारियों पर दवाब बनाकर कार्रवाई कराने के आरोप लगाए।
16 सितंबर को होगी इस मामल की अगली सुनवाई
कोर्ट ने बांदा डीएम को इस प्रकरण में जिपं अध्यक्ष की मामले में भूमिका की जांच कर रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश दिए हैं। अगली सुनवाई 16 सितंबर को होनी है। बताते चलें कि बांदा के सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी ने बिना नोटिस दिए दिव्यांग का मकान ढहाए जाने का विरोध किया था। विधायक ने मौके पर पहुंचकर अधिकारियों से नाराजगी जताते हुए खरी-खरी सुनाई थी।
संबंधित खबर यहां पढ़ें: बांदा में बिना नोटिस घर पर चलाया बुल्डोजर, विधायक ने SDM को सुनाई खरी-खरी-जिपं अध्यक्ष पर शह का आरोप
बांदा में बिना नोटिस घर पर चलाया बुल्डोजर, विधायक ने SDM को सुनाई खरी-खरी-जिपं अध्यक्ष पर शह का आरोप