समरनीति न्यूज, बांदा : बांदा के नए डीएम नागेंद्र प्रताप कार्यभार संभाल चुके हैं। ऐसे में उनके सामने कई चुनौतियां भी हैं। मध्य प्रदेश से मल्होत्रा सिंडीकेट पर नकेल कसना बड़ी चुनौती है। रोज हजारों अवैध खनन के ओवरलोड ट्रक एमपी से बांदा के गिरवां, मटौंध थानों से अवैध रूप से एंट्री करते हैं। इस तरह यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार को मध्य प्रदेश के बालू माफिया करोड़ों के राजस्व का रोज चूना लगा रहे हैं।
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मल्होत्रा बालू सिंडीकेट की बांदा के विभागों में गहरी जड़े
खनिज विभाग, आरटीओ विभाग और पुलिस विभाग के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों पर मिलीभगत के आरोप लगते रहे हैं।
इनपर कार्रवाईयां भी हुई हैं, लेकिन कभी इस सिंडीकेट पर लगाम नहीं कसी जा सकी। पुलिस एक एएसपी महेंद्र चौहान इसी मामले में सस्पेंड हो चुके हैं।
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वहीं एक तत्कालीन गिरवां इंस्पेक्टर बलजीत सिंह और दरोगाओं पर मुकदमा हो चुका है। खनिज विभाग के अधिकारी भी कार्रवाई भुगत चुके हैं। इतना सबकुछ होने के बाद भी अबतक एमपी के मल्होत्रा सिंडीकेट के इस काले धंधे पर लगाम नहीं लग सकी है। अब देखना यह है कि नए जिलाधिकारी इसपर कैसे लगाम लगाते हैं।
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