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फतेहपुर के बाद बांदा, छात्राओं के बढ़ते सुसाइड केस और स्कूलों की प्रेशर पाॅलिटिक्स!

Officials of Private School Association met SP in Banda student's suicide case

समरनीति न्यूज, बांदा : बीते कुछ समय से स्कूलों में छात्राओं से छेड़छाड़ और फिर सुसाइड के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। फतेहपुर में एक छात्रा ने स्कूल की छत से कूदकर जान दे दी। छात्रा से बस चालक ने छेड़छाड़ की थी, जिसे लेकर वह तनाव में थी। फिर बांदा में 17 साल की छात्रा ने स्कूल से घर आकर फांसी लगाकर जान दे दी। इस घटना में भी छात्रा से शिक्षक और प्रधानाचार्य द्वारा अभद्रता व छेड़छाड़ के गंभीर आरोप हैं।

महिला आयोग ने लिया संज्ञान

दोनों घटनाओं में स्कूलों पर गंभीर आरोप हैं। बुंदेलखंड में इस समय दोनों ही घटनाएं काफी चर्चा में हैं। फतेहपुर की घटना का महिला आयोग ने भी संज्ञान लिया है। दोषी पर कार्रवाई हो रही है। वहीं बांदा में छात्रा के सुसाइड केस में पुलिस ने शहर के आदर्श शिक्षक निकेतन स्कूल की प्रबंधक के बेटे प्रिंसिपल प्रशांत और टीचर जय प्रकाश (जेपी सर) पर छात्रा से अश्लील हरकतें, छेड़छाड़ और अभद्रता करने के आरोप में मुकदमा लिखा है। पुलिस का कहना है कि जांच की जा रही है।

बांदा पुलिस की कार्रवाई सटीक

पुलिस की कार्रवाई इस मामले में अभी तक सटीक है। पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल ने जिस संवेदनशीलता के साथ बिना देरी के मामला दर्ज कराते हुए जांच शुरू कराई है। उसकी जितनी तारीफ की जाए, कम है, क्यों कि घटना के बाद से ही पुलिस पर दबाव की चर्चाएं थीं।

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लेकिन अब देखना यह है कि पुलिस जांच किस दिशा में जाती है। शहर में धीरे-धीरे हर किसी व्यक्ति की संवेदनाएं इस घटना से जुड़ रही हैं। मामला 17 साल की एक बेटी की असमय मौत का है। पीड़ित परिजनों का यह भी मानना है कि कुछ लोग आरोपियों को बचाने के लिए प्रेशर पाॅलिटिक्स कर रहे हैं। दरअसल, कुछ स्कूल संचालक निष्पक्ष जांच की मांग लेकर सोमवार को एसपी से मिले थे। इसी के बाद पीड़ित परिजनों को यह डर सता रहा है।

बूसा अध्यक्ष ने कही यह बात

उधर, बूसा के अध्यक्ष एवं सेंट जेवियर्स स्कूल के प्रबंधक नवल किशोर चौधरी ने कहा कि उनके नेतृत्व में संगठन के पदाधिकारी सोमवार को पुलिस अधीक्षक से मिले थे। एसपी को ज्ञापन देते हुए डीजीपी की गाइड लाइन भी बताई गईं। मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की गई है। ज्ञापन देने वालों में संत तुलसी स्कूल के मनीष गुप्ता, श्यामजी निगम, बचपन की प्रवी यादव, विप्रांश यादव, सौरभ यादव, पवनेश यादव, उमा पटेल, मनु बंसल आदि शामिल रहे।

दूसरी ओर पीड़ित परिजनों का मानना है कि यह स्कूल संचालकों की प्रेशर पाॅलिटिक्स है और उन्हें डर है कि कहीं इससे पुलिस प्रशासन की कार्रवाई प्रभावित न हो जाए। बहरहाल, ऐसे में यह सवाल काफी अहम हो जाता है कि बांदा की इस बेटी को क्या न्याय मिलेगा?

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